सरकार ने कहा, संसदीय इतिहास का स्वर्णिम सत्र रहा, जीएसटी समेत कई अहम काम
नयी दिल्ली : संसद के बजट सत्र को संसदीय इतिहास का स्वर्णिम सत्र करार देते हुए सरकार ने आज कहा कि सत्र में लोकसभा की उत्पादकता 113. 27 प्रतिशत और राज्यसभा की 92. 43 प्रतिशत रही और इस दौरान जीएसटी सहित लोकसभा में 23 और राज्यसभा में 14 विधेयक पारित किए गए. संसदीय कार्य मंत्री […]
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नयी दिल्ली : संसद के बजट सत्र को संसदीय इतिहास का स्वर्णिम सत्र करार देते हुए सरकार ने आज कहा कि सत्र में लोकसभा की उत्पादकता 113. 27 प्रतिशत और राज्यसभा की 92. 43 प्रतिशत रही और इस दौरान जीएसटी सहित लोकसभा में 23 और राज्यसभा में 14 विधेयक पारित किए गए. संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं से कहा कि लोकसभा में लगभग आठ घंटा व्यवधान के चलते नष्ट हुआ जिसकी भरपाई 19 घंटे देर तक बैठक कर की गई.
वहीं, राज्यसभा में व्यवधान के चलते 18 घंटे का समय नष्ट हुआ और लगभग सात घंटे देर तक बैठक कर उसकी भरपाई की गई. उन्होंने कहा कि मैं यह कह सकता हूं कि भारतीय संसदीय इतिहास का एक स्वर्णिम सत्र कहा जायेगा. भारत के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार के सभी वित्तीय कायो’ को अगले वित्तीय वर्ष आरंभ होने से पहले सामान्य चर्चा की उचित प्रक्रिया, स्थायी समितियों द्वारा संवीक्षा, कुछ अलग – अलग मंत्रालयों पर चर्चा आदि का पालन करते हुए 31 मार्च से पहले ही पूरा कर लिया गया.
साथ ही, इसमें कोई शार्टकट तरीका भी नहीं अपनाया गया. मंत्री ने कहा, ‘‘यह एक बडा वित्तीय सुधार है ताकि प्रशासनिक मंत्रालयों को उनकी विकास योजनाओं के निष्पादन के लिए पूरा धन उपलब्ध कराया जा सके. ” कुमार के साथ संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी और एस एस आहलुवालिया मौजूद थे.
कुमार ने कहा कि इस सत्र की मुख्य विशेषता है कि पूरे देश में एक जुलाई 2017 से माल एवं सेवा कर (जीएसटी) के कार्यान्वयन को लागू करने के लिए चार ऐतिहासिक विधेयकों…केंद्रीय माल और सेवा कर विधेयक, 2017, समेकित माल एवं सेवा कर विधेयक, 2017, माल एवं सेवा कर :राज्यों को प्रतिकर : विधेयक, 2017 और संघ राज्य क्षेत्र माल एवं सेवा कर विधेयक , 2017 को पारित किया गया.
उन्होंने कहा कि सत्र में संसद के दोनों सदनों द्वारा सामाजिक क्षेत्र के कुछ महत्वपूर्ण विधेयकों, जैसे मजदूरी संदाय (संशोधन) विधेयक, 2017, कर्मचारी प्रतिकर (संशोधन) विधेयक, 2017, प्रसूति प्रसुविधा संशोधन विधेयक, 2017, मानसिक स्वास्थ्य देखरेख विधेयक, 2017 को भी पारित किया गया. इसके अलावा शत्रु संपत्ति (संशोधन एवं विधिमान्यकरण ) विधेयक, 2017 को भी संसद के दोनों सदनों ने पारित कर दिया.