‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
पणजी : गोवा में कांग्रेस विधायकों का एक समूह नाराज हैं और राज्य विधानसभा चुनाव में सबसे बडी पार्टी के रुप में उभरने के बावजूद सरकार बनाने में नाकाम रहने के लिये पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को जिम्मेदार ठहराया है. वालपोई विधानसभा से कांग्रेस विधायक विश्वजीत राणे ने कहा, गोवा विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद मैं स्थिति से निपटने के लिये अपनी पार्टी नेताओं के तरीके से बहुत दुखी हूं। चुनाव परिणाम में सरकार बनाने के लिए हम सबसे बडी पार्टी के रुप में उभरे हैं.
पार्टी नेताओं के कामकाज पर निराश हूं, जो सही समय पर सही निर्णय नहीं ले सके. उन्होंने कहा कि पार्टी नेताओं ने कांग्रेस विधायक दल का नेता का चयन करने में ‘देरी’ की और इसे जमीनी स्तर पर ‘कुप्रबंधन’ करार दिया. उन्होंने कहा कि वह पार्टी नेताओं की देरी और कुप्रबंधन से आहत हैं. उल्लेखनीय है कि गोवा में कांग्रेस को 17 सीटें मिली हैं, जो सरकार बनाने के लिए बहुमत के जादुई आंकडें से मात्र चार सीट कम है.
त्रिशंकु विधानसभा का परिणाम आने के तुरंत बाद स्वतंत्र प्रत्याशी रोहन खुंटे ने पार्टी के प्रति अपना समर्थन जताया था. इसके अलावा शनिवार को गोवा फारवर्ड पार्टी के तीन अन्य स्वत्रंत विधायकों के साथ औपचारिक बातचीत जारी थी. भाजपा सत्ता में कब्जा नहीं करने के लिये बहुमत की संख्या नहीं जुटा सकी और उसने उन लोगों को प्रतिद्वंद्वियों को अपनी ओर मिला लिया.