चेन्नई : तमिलनाडु विधानसभा में मुख्यमंत्री व अन्नाद्रमुक नेता इ पलानीसामी ने आज अपना बहुमत साबित कर दिया. उनके समर्थन में 122 विधायकों ने अपना समर्थन जताया, जबकि 11 विधायकों ने विरोध में मत दिया. ध्वनिमत से पूरी की गयी विश्वास मत हासिल करने की प्रक्रिया की दौरान मुख्य विपक्ष द्रमुक सदन में मौजूद नहीं था. विपक्ष के नेता एमके स्टालिन ने राज्यपाल सी विद्यासागर राव से भेंट कर अपना विरोध जताया. उधर, पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने भी वीके शशिकला कैंप के खिलाफ अपना संघर्ष जारी रखने का एलान किया. राज्यपाल से मिलने के बाद एमके स्टालिन द्रमुक विधायकों के साथ मरीना बीच पर गांधी मूर्ति के समक्ष भूख हड़ताल पर बैठ गये, जहां पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. मरीना बीच पर सुरक्षा कारणों से धारा 144 लागू कर दिया गया है. राज्यपाल ने अपना मुंबई दौरा स्थगित कर दिया है.

4.41 PM:धरना दे रहे एमके स्टालिन व डीएमके विधायकों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

4.34 PM: गवर्नर से मिलने क बाद मरीना बीच पर गांधी प्रतिमा के समक्ष स्टालिन भूख हड़ताल पर बैठ गये हैं. इसके बाद पुलिस ने वहां धारा 144 लगा दिया है.

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ओ पन्नीरसेल्वम ने कहा है कि वे जनता को अब इस मामले को लेकर संगठित करेंगे, स्टालिन गांधीजी की प्रतिमा के समक्ष धरने पर बैठ गये हैं

तमिलनाडु विधानसभा में 122 अन्नाद्रमुक विधायकों का मुख्यमंत्री इ पलानीसामी को समर्थन मिला है, जबकि आठ अन्नाद्रमुक विधायकों ने उनके विरोध में मत दिया. इस प्रकार वे बहुमत के जादुई आंकड़े को प्राप्त कर चुके हैं. उधर, गवर्नर सी विद्यासागर राव से मिलने विपक्ष के नेता एमके स्टालिन पहुंचे हैं. गवर्नर ने अपना मुंबई दौरा रद्द कर दिया है.

तमिलनाडु विधानसभा में 122 विधायकों का पलानीसामी को मिला समर्थन : टीवी रिपोर्ट

तमिलनाडु विधानसभा में ध्वनिमत से बहुमत परीक्षण शुरू डीएमके गैरमौजूद

03. 04 PM:स्टालिन ने आरोप लगाया कि स्पीकर विपक्ष के बिना विश्वासमत हासिल करने की प्रक्रिया पूरी करना चाहते हैं.

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तमिलनाडु विधानभा की कार्यवाही पुन: शुरू हुई

03. 03 PM:स्टालिन ने कहा, हमलोग गवर्नर से मिल कर उन्हें बतायेंगे पूरा हाल,वे अपने विधायकों के साथ सदन से बाहर आ गये. खुली शर्ट में सदन के अंदर से बाहर निकले स्टालिन

सदन से बाहर किये गये डीएमके विधायकों की संख्या 20 तक पहुंची

दोपहर का डेवलपमेंट

चेन्नई : तमिलनाडु विधानसभा में आज अन्नाद्रमुक के वीके शशिकला कैंप से आने वाले नये मुख्यमंत्री इ पलानीसामी के विश्वासमत हासिल करने के दौरान सदन में जमकर हंगामा हुआ और इस कारण कम से कम दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी. मुख्य विपक्ष डीएमके के विधायकों ने स्पीकर पी धनपाल की मेज तोड़ दी, कागज फेंक दिये और यहां तक की उनके साथ धक्का-मुक्की भी की गयी. स्पीकर धनपाल ने कहा कि उनकी शर्ट भी विपक्षी विधायकों ने फाड़ दी. नाराज स्पीकर ने इस कारण एम सुब्रमण्यन के नेतृत्व में हंगामा कर सात डीएमके विधायकों को मार्शल से बाहर करवा दिया.हालांकिवेलोग सदन के प्रवेश द्वारकेपास चहलकदमी करतेदेखे गये. बाद में विपक्ष के नेता एमके स्टालिन को भी मार्शल के द्वारा बाहर करवाया गया. आज सदन की कार्यवाही शुरू होने पर स्टालिन ने इस बात पर सवाल उठाया कि पलानीसामी को बहुमत साबित करने की आखिर इतनी जल्दी क्यों थी. स्टालिन व पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम ने स्पीकर से विश्वासमत हासिल करने की तारीख बढ़ाने की मांग की. पन्नीरसेल्वम ने यह भी मांग की थी कि विधायकों का गुप्त मतदान करवाया जाये. विश्वासमत हासिल करने की प्रक्रिया में दिग्गज नेता एम करुणानिधि शामिल नहीं हुए हैं. 236 विधायक वाले तमिलनाडु विधानसभा में आज सदन की कार्यवाही में 228 विधायक शामिल हुए हैं. सदन की कार्यवाही पुन: तीन बजे शुरू होगी.

02. 45 PM:विपक्ष के नेता एमके स्टालिन को बलपूर्वक सदन से बाहर निकाला गया.

02. 40 PM:स्पीकर के आदेश से एम सुब्रमण्यन के नेतृत्व वाले सात डीएमके विधायकों को सदन से बाहर निकाला गया, लेकिन वे इस वक्त सदन के अंदर जाने वाले गेट के पास चहलकदमी करते हुए दिख रहे हैं.

02. 35PM:मार्शल के सुरक्षा घेरे में स्पीकर को सदन से बाहर निकालना पड़ा

02. 29 PM:एक वरिष्ठ अधिकारी ने सभी मार्शल को सदन के अंदर जाने का आदेश दिया.

01. 45PM:विश्वासमत हासिल करने के लिए तीन बजे शुरू होगी विधानसभा की कार्यवाही

01. 43PM:स्पीकर का टेबल तोड़ा

01. 42PM:विधानसभा की कार्यवाही दोबारा स्थगित, डीएमके विधायकों ने हाउस से बाहर जाने से किया था इनकार,गार्ड से बाहर करवाने के दौरान दोनों पक्ष में झड़प

01. 25 PM:स्पीकर ने डीएमके विधायकों को सदन से बाहर करने का आदेश दिया, पर विधायकों ने हाउस से बाहर निकलने से इनकार कर दिया. स्पीकर का बयान : मैं सदन की कार्यवाही चलाने के लिए बाध्य हूं.

01.19 PM:स्पीकर ने दावा किया कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया है और विधायकों ने उनकी शर्ट फाड़ दी.

01.15 PM:डीएमके विधायकों ने आज सुबह सदन में अपना विरोध जताया था. जया टीवी की रिपोर्ट के अनुसार, स्पीकर का माइक छिना गया था और पेपर फेंके गये.

12:51PM : तमिलनाडु विधानसभा में भारी हंगामा के बीच एक घायल, एंबुलेंस बुलायी गयी

12.22 PM:नाराज स्पीकर सदन की कार्यवाही को स्थगित कर बाहर निकल गये.

12.21 PM:विधानसभा की कार्यवाही एक बजे तक के लिए स्पीकर ने स्थगित की.

12.16 PM:विधानसभा में हंगामा, कुर्सी व मेज तोड़े गये.

12.02 PM:विधानसभा में विश्वासमत हासिल करने की प्रक्रिया में दो और विधायकों की संख्या घट गयी है. अब मात्र 228 विधायकों पर फ्लोर टेस्ट हो रहा है, जिसमें जीत के लिए पलानीसामी को 115 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.

11.45 AM:स्टालिन व ओ पन्नीरसेल्वन ने विश्वास मत हासिल करने की प्रक्रिया कोस्थगितकरने की मांग की. स्पीकर ने उनकी मांग को खारिज कर दिया.

11.34 AM:स्पीकर पी धनपाल ने ओ पन्नीरसेल्वम की सिक्रेट वोट की मांग को खारिज कर दिया. ध्वनि मत से वोटिंग हाे चुकी है. कुछ समय में फैसला आयेगा.

11.21 AM:विधानसभा के अंदर हंगामा, अन्नाद्रमुक विधायकों ने द्रमुक के खिलाफ की नारेबाजी

11.11 AM:मीडिया फोटोग्राफरों ने कवरेज नहीं करने देने को लेकर अपना विरोध जताया.

11.05 AM:शक्ति परीक्षण के लिए सदन की कार्यवाही शुरू

10.51 AM: ओ पन्नीरसेल्वम ने गुप्त मतदान की मांग की. उन्हें विश्वास है कि ऐसे में पलानीसामी विश्वासमत हार सकते हैं. रिसार्ट के अंदर विधायकों को रखे जाने के तरीके से उनके अंदर नाराजगी है भी.

10.45 AM:विधानसभा में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गये हैं. अंदर मोबाइल फोन ले जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. लाइव प्रसारण भी नहीं किया जायेगा.

10.31 AM:234 सदस्य वाली विधानसभा में करुणानिधि मौजूद नहीं रहेंगे, जयललिता का निधन होने से उनकी सीट खाली है, जबकि विधायक अरुण कुमार ने पलानीसामी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए वोट नहीं करने का एलान किया है. जबकि स्पीकर वोट नहीं करते. ऐसे में 230 सदस्य संख्या के आधार पर शक्ति परीक्षण होगा. पलानीसामी को अपनी सरकार बनाये रखने के लिए ऐसे में 116 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी.

9.55 AM:विपक्ष के नेता एमके स्टालिनविधानसभापहुंचे, करुणानिधि नहीं जायेंगे

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9.51 AM:कांग्रेस की रणनीति तय करने चल रही है बैठक

सुबह का डेवलपमेंट

अरुण कुमार ने पलानीसामी कैंप छोड़ा, कहा – मतदान में शामिल नहीं होऊंगा

चेन्नई : तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीसामी के लिए आज बड़ा दिन है. विधानसभा में उन्हें बहुमत साबित करना है. इस बीच फ्लोर टेस्ट से ठीक पहले कोयंबटूर उत्तर से विधायक अरुण कुमार ने इदापड्डी पलानीसामी का खेमा छोड़ने की घोषणा की. अरुण कुमार ने मतदान से दूर रहने का फैसला लिया है. पलानीसामी के मुख्यमंत्री बनरहनेकी राह की सबसे बड़ी बाधा पन्नीरसेल्वम हैं. पन्नीरसेल्वम गुट पलानीसामी को मुख्यमंत्री बनाये जाने के फैसले के खिलाफ है. तमिलनाडु के 234 सदस्यों वाले विधानसभा में बहुमत के लिए 118 विधायकों के समर्थन की जरूरत है. पलानीसामी गुट ने 124 विधायकों के समर्थन का दावा किया है. पलानीसामी जेल में बंद अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकलाकेप्रतिनिधि व पसंद हैं. वहीं, एक अहम फैसले में चुनाव आयोग ने शशिकलाको अन्नाद्रमुक महासचिव बनने पर उन्हें नोटिस जारी किया है और 28 फरवरी तक जवाब देने को कहा है. ध्यान रहे कि पन्नीरसेल्वम गुट शशिकला के महासचिव बनने को अवैध बता रहा है. उनका दावा है कि पार्टी की प्रतिनिधि सभा ने उन्हें नहीं चुना है, ऐसे में इस पद पर वे वैध ढंग से काबिज नहीं हुई हैं.

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एक विधायक के छोड़ जाने के बाद अब पलानीसामी धड़े को उनके दावे के मुताबिक 123 विधायकों का समर्थन हासिल है.नयी सरकार को सदन में बहुमत साबित करने के लिए हालांकि 15 दिनों का समय दिया गया था लेकिन पार्टी की महासचिव वी के शशिकला के करीबी माने जाने वाले पलानीसामी ने दो दिन में ही बहुमत साबित करने का फैसला किया है. शशिकला का समर्थन कर रहे कई विधायक अब भी चेन्नई से करीब 80 किलोमीटर दूर कूवाथूर के रिसॉर्ट में रह रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम का गुट भी अपना पूरा ज़ोर लगा रहा है कि पलानीसामी किसी भी तरह से विधानसभा में बहुमत साबित ना कर पाएं.

तमिलनाडु की राजनीति के पिछले तीस सालों के इतिहास में यह पहली बार होगा जब सत्ताधारी पार्टी को फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया से गुजरना पड़ रहा है. जयललिता के निधन के बाद पार्टी में नेतृत्व को लेकर संकट पैदा हो गया. जयललिता की सहयोगी शशिकला पार्टी की महासचिव बनीं. वहीं पन्नीरसेल्वम मुख्यमंत्री बने. इस बीच एआईडीएमके की एक बैठक में शशिकला को विधायक दल का नेता चुन लिया गयाथा और पन्नीरसेल्वम को पद छोड़ने को कहा गया.ताकि शशिकला मुख्यमंत्री पद की शपथ ले सकें, पर इसी दौरान पन्नीरसेल्वम का मन बदला और उन्होंने दावा किया कि उन पर दबाव बना कर इस्तीफा दिलवाया गया और मौका मिलने पर वे सदन में बहुमत साबित कर देंगे.

इस बीच तेजी से बदलते घटनाक्रम के बीच एक सप्ताह के अंदर सुप्रीम कोर्ट में शशिकला के खिलाफ भ्रष्टाचार के एक मामले को निबटाना था, जिसकेतहत 14 फरवरी को शशिकला को चार साल की जेल की सजा सुनायी गयी. ऐसे में वे मुख्यमंत्री नहीं बन सकती थीं और उन्होंने पलानीसामी को विधायक दल का नेता चुना.