‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
आजमगढ़ : नेताजी सुभाष चंद्र बोस के ड्राइवर निजामुद्दीन का 117 साल की उम्र में आजमगढ़ में निधन हो गया. वे लंबे वक्त से बीमार चल रहे थे, कर्नल निजामुद्दीन मुबारकपुर के ढकवा गांव के रहने वाले थे. आपको बता दें कि कर्नल निजामुद्दीन बताया करते थे कि उन्होंने 20 अगस्त 1947 को नेताजी को उन्होंने बर्मा में छितांग नदी के पास आखिरी बार नाव पर छोड़ा था. निजामुद्दीन नेताजी के बेहद खास आदमी थे और उनके साथ कई देशों का यात्रा भी किया था.
कर्नल निजामुद्दीन अकसर नेताजी से जुड़ी कहानियां लोगों को सुनाया करते थे. कर्नल निजामुद्दीन ने बताया था कि आजाद हिंद फौज के गठन के साथ नेताजी ने लोगों को रंगून में इकट्ठा करने को कहा था. 18 अगस्त 1945 को जिस समय नेताजी के मौत की खबर रेडियो पर चली, उस समय वह नेताजी के साथ ही बैठकर वर्मा के जंगल में सुन रहे थे.बता दें कि नरेंद्र मोदी ने बनारस में लोकसभा चुनाव के दौरान निजामुद्दीन का पैर छूकर आशीर्वाद लिया था.