नकवी ने कहा, अल्पसंख्यकों का विकास राजग सरकार का राष्ट्रीय कर्तव्य

नयी दिल्ली : अल्पंसख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि अल्पसंख्यकों को सशक्त करना अगले वित्त वर्ष में राजग सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. उन्होंने साथ ही अल्पसंख्यकों के विकास के लिए बजट में किए गए प्रावधानों को सरकार के ‘‘राष्ट्रीय कर्तव्य” के अनुरुप बताया. बजट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 4, 2017 7:03 PM
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नयी दिल्ली : अल्पंसख्यक मामलों के केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मुख्तार अब्बास नकवी ने आज कहा कि अल्पसंख्यकों को सशक्त करना अगले वित्त वर्ष में राजग सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है. उन्होंने साथ ही अल्पसंख्यकों के विकास के लिए बजट में किए गए प्रावधानों को सरकार के ‘‘राष्ट्रीय कर्तव्य” के अनुरुप बताया.

बजट में 2017-18 के लिए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय को 4,195.48 करोड रुपये आवंटित किए गए हैं जो वित्त वर्ष 2016-17 में किए गए आवंटन से करीब दस प्रतिशत या 368.23 करोड रुपये ज्यादा है. नकवी ने कहा, ‘‘मोदी सरकार का मानना है कि गरीबों, कमजोर वर्गों और अल्पसंख्यकों का विकास ना केवल उसका राजधर्म है बल्कि उसका राष्ट्रीय कर्तव्य भी है.”
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अल्पसंख्यकों का शैक्षणिक सशक्तिकरण एवं कौशल विकास सरकार की प्राथमिकता है. इस बजट के अधिकतम हिस्से का इस्तेमाल इस उद्देश्य के लिए किया जाएगा.” नकवी ने कहा कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए उनके मंत्रालय ने करीब 35 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति देने का लक्ष्य तय किया है. अल्पसंख्यक समुदायों के दो लाख से अधिक युवाओं को रोजगारोन्मुख प्रशिक्षण दिया जाएगा.
नकवी ने कहा कि सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष को लेकर प्रधानमंत्री के नये 15 सूत्री कार्यक्रम के तहत मंत्रालय के खर्च के लिए आवंटन में 19 प्रतिशत की बढोतरी की.‘सीखो और कमाओ’, ‘नई मंजिल’, ‘नई रोशनी’, ‘उस्ताद’, ‘गरीब नवाज कौशल विकास केंद्र’ और लडकियों के लिए ‘बेगम हजरत महल’ छात्रवृत्ति जैसे मंत्रालय के विभिन्न छात्रवृत्ति एवं कौशल विकास कार्यक्रमों की खातिर 2,600 करोड की राशि निर्धारित की गयी है.
नकवी ने बताया कि पिछले छह सालों में मंत्रालय ने करीब 200 ‘सद्भाव मंडप’ को मंजूरी दी। करीब 262 करोड रुपये की लागत से ‘गुरुकल’ जैसे 16 स्कूलों को मंजूरी दी गयी.उन्होंने कहा, ‘‘हमने मुख्यधारा की शिक्षा मुहैया करा रहे मदरसों की मदद करने का भी फैसला किया।” केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इन मंडपों का इस्तेमाल विभिन्न संस्कृति, सामाजिक, शैक्षणिक गतिविधियों के लिए सामुदायिक केंद्रों और साथ ही आपदा के दौरान राहत केंद्रों के रुप में किया जाएगा.
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