नयी दिल्ली : कानून से बच कर विदेश में रह रहे शराब कारोबारी विजय माल्या ने अपने खिलाफ पूंजी बाजार नियामक सेबी की कार्रवाई पर तीखी प्रतिक्रिया जताई है और यूनाइटेड स्प्रिट कंपनी के धन की हेराफेरी के आरोपों को ‘‘आधारहीन” बताया है. माल्या पर किंगफिशर एयरलाइंस से संबंधित राशि में हेराफेरी का आरोप है.

माल्या ने लगातार किये गये ट्वीट में इस आरोप को ‘मजाक’ बताया . किंगफिशर एयरलाइंस अब बंद हो चुकी है. इस समय लंदन में रह रहे माल्या ने कहा है कि वह अब ऐसी बातों के अभ्यस्त हो चुके हैं. उनको चारो तरफ से घेरने के लिए तरह तरह की बातें की जा रही है. पर उनका कोई कानूनी आधार नहीं है. माल्या ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सीबीआई ने किंगफिशर एयरलाइंस से धन का अन्यत्र दुरपयोग किये जाने का आरोप लगाया है. सेबी ने यूनाइटेड स्पिरिट लिमिटेड (यूएसएल) से किंगफिशर एयरलाइंस में धन स्थानांतरित किये जाने का आरोप लगाया है. यह क्या मजाक है?” उन्होंने आगे कहा, ‘‘यूनाइटेड स्पिरिट लिमिटेड से धन का अन्यत्र दुरपयोग किया जाने का आरोप आधारहीन है.

यूएसएल के खातों की प्रमुख आडीटरों द्वारा लेखापरीक्षा की जाती है. इस पर निदेशक मंडल के निदेशकों और शेयरधारकों की भी नजर होती है.” पूंजी बाजार नियामक सेबी ने यूएसएल से कथित धन के दुरपयोग को लेकर कल माल्या और छह अन्य पर पूंजी बाजार में जाने से रोक लगा दी. यूएसएल को भी माल्या ने ही खडा किया था और बाद में उसे डियाजिओ को बेच दिया. उन्होंने मार्च 2016 में यूएसएल के चेयरमैन और निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया. माल्या ने आगे ट्वीट किया, ‘‘पिछले 30 सालों के दौरान मैंने दुनिया की सबसे बडी शराब कंपनी खडी की, देश की सबसे बडी ब्रेवरी कंपनी.

साथ ही सबसे बेहतर एयरलाइंस शुरु की. यह काम मैंने किया है.” उन्होंने आरोप लगाया कि इसके बजाय सरकार उन पर संदेह करते हुये उनके पीछे पडी है. माल्या ने इस बात का भी जवाब दिया कि जैसे ही उनके खिलाफ जांच हुई वह भारत छोडकर भाग गये. इस पर उन्होंने कहा कि उनका देश से बाहर जाना कोई अचानक नहीं हुआ. ‘‘मैं 1988 से ही प्रवासी भारतीय हूं.” माल्या ने किंगफिशर एयरलाइंस को एक बेहतर सार्वजनिक उपयोग वाली कंपनी बताया. उन्होंने कहा कि भारत को जोडने के बारे में ऐसी सेवा इससे पहले किसी एयरलाइंस ने नहीं दी. ‘‘यह मेरी निजी कंपनी नहीं थी.”