नोटबंदी का फैसला सही, डिजिटल पेमेंट से बढ़ेगी पारदर्शिता : राष्ट्रपति

नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने की पुरजोर वकालत करने के साथ ही नोटबंदी का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि, डिजिटल पेमेंट से पारदर्शिता आयेगी. चुनाव आयोग से उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श कर चुनाव साथ कराने के विचार को आगे बढ़ाये. गणतंत्र दिवस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 26, 2017 8:34 AM
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नयी दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ कराने की पुरजोर वकालत करने के साथ ही नोटबंदी का समर्थन किया. उन्होंने कहा कि, डिजिटल पेमेंट से पारदर्शिता आयेगी. चुनाव आयोग से उन्होंने कहा कि वह राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श कर चुनाव साथ कराने के विचार को आगे बढ़ाये.

गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम संबोधन में राष्ट्रपति ने जोर दिया कि देश की ताकत इसकी बहुलतावाद व विविधता में निहित है. भारत में पारंपरिक रूप से तर्कों पर आधारित भारतीयता का जोर रहा है, न कि असहिष्णु भारतीयता का. उन्होंने भारतीय लोकतंत्र की ताकत को रेखांकित किया, लेकिन संसद व राज्य विस में व्यवधान के प्रति सचेत भी किया. गांधीजी का जिक्र करते हुए कहा कि आजादी के सर्वोच्च स्तर के साथ कठोर अनुशासन और विनम्रता आती है. राष्ट्रपति ने कहा कि कालेधन को रोकने और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के लिए नोटबंदी की पहल से आर्थिक गतिविधियों में अस्थायी गिरावट आ सकती है.

लेकिन, नकदी रहित लेन-देन होने से पारदर्शिता आयेगी. आज हम विश्व की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्था हैं. हम वैज्ञानिक व तकनीकी जनशक्ति के दूसरे सबसे बड़े भंडार, तीसरी सबसे विशाल सेना, परमाणु क्लब के छठे सदस्य, अंतरिक्ष की दौड़ में शामिल छठे सदस्य और दसवीं सबसे बड़ी औद्योगिक शक्ति हैं. भारत अब खाद्य वस्तुओं का अग्रणी निर्यातक बन गया है. उन्होंने कहा कि जो चीजें हमें यहां तक लेकर आयी हैं, वे देश को आगे ले जायेंगी. देश को बदलाव की बयार को लेकर तेजी से व्यवस्थित होना होगा.

संसद व राज्य विस में व्यवधान के प्रति किया सचेत

संसद में व्यवधान: राष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र की गहराई और प्रभाव नियमित रूप से पंचायती राज व्यवस्था के चुनाव से स्पष्ट होता है. बावजूद हमारी विधायिका में व्यवधान के कारण सत्र का वह समय बरबाद होता है, जब चर्चा होनी चाहिए . चर्चा, परिचर्चा और निर्णय के मार्ग पर ध्यान देना होगा.

गरीबी: राष्ट्रपति ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था को अभी भी गरीबी पर तेज प्रहार करने के लिए दीर्घकाल में 10 प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर हासिल करनी होगी. देशवासियों का पांचवां हिस्सा अभी तक गरीबी रेखा से नीचे बना हुआ है.

युवा व रोजगार: घरेलू उद्योग की स्पर्धात्मकता में गुणवत्ता, उत्पादकता और दक्षता पर ध्यान देकर सुधार ला कर हम युवाओं को और अधिक रोजगार के अवसर प्रदान कर सकते हैं. महिलाओं और बच्चों को सुरक्षा और संरक्षा प्रदान करने के लिए और अधिक परिश्रम होगा.

आतंक : हमें आतंकवाद की बुरी शक्तियों को दूर रखने के लिए और अधिक काम करना है. इन शक्तियों का दृढ़ और निर्णायक तरीके से मुकाबला करना होगा. हमें सजग और सतर्क रहना होगा.

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