नयी दिल्ली/बीकानेर : गणतंत्र दिवस के अवसर पर दो दशक बाद स्वदेशी लडाकू विमान तेजस पहली बार बीकानेर के नाल हवाई अड्डे से उडान भरकर दिल्ली के राजपथ पर दिखाई देगा. सेना सूत्रों के अनुसार राजपथ पर वायु सेना की क्षमता प्रदर्शन के लिए स्वदेशी लडाकू विमान से ताकत का प्रदर्शन मुख्य आकर्षण होगा. ये विमान इसमें हिस्सा लेने के लिये बेंगलूरु वायु सैनिक अड्डे से नाल लाए गए है. राजपथ पर हर वर्ष की तरह वायु सेना का क्षमता का प्रदर्शन होगा, जिसमें सबसे हल्का स्वदेशी लडाकू विमान तेजस का प्रदर्शन होगा.
सूत्रों के अनुसार इससे पूर्व 1980 के दशक में भारत निर्मित पहले स्वदेशी लडाकू विमान मारुत ने गणतंत्र दिवस परेड के दौरान फ्लाई पास्ट में अपने जौहर दिखाए थे. इसके बाद मारुत को वायु सेना से विदा कर दिया गया था. तेजस को एक जुलाई 2015 में भारतीय वायु सेना के बेडे में शामिल किया गया था. वायुसेना के बेडे में शामिल करने के बाद तेजस ने दो हजार घंटे में तीन हजार बार सफल उडान पूरी कर चुका है.
सूत्रों ने बताया कि हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाया जा रहा तेजस आटो पायलट सुविधा के साथ घातक मिसाइलों, बमों और अन्य हथियारों से लैस अत्याधुनिक विमान है. गणतंत्र दिवस के फ्लाई पास्ट में तीन तेजस विमान नाल वायुसेना के एयरफोर्स स्टेशन से उडान भरेंगे और दिल्ली के राजपथ पर मुख्य अतिथि को सलामी देते हुए अपनी स्वदेशी तकनीक का प्रदर्शन करेंगे. नाल एयरफोर्स स्टेशन से राजपथ और वापसी की तेजस की उडान को एक घंटे में पूरा किया जायेगा। हालांकि इससे पूर्व लडाकू विमान जगुआर को भी राजपथ पर फ्लाई पास्ट के दौरान अहम स्थान दिया जाता रहा है.