नयी दिल्ली: बीएसएफ के जवान तेज बहादुरके खराब खाने की शिकायत झूठी है. गृहमंत्रालय ने आज यही रिपोर्ट पीएमओ को भेजी है. पिछले दिनों सोशल मीडिया पर तेज बहादुरद्वारा खराब खाने की शिकायत वाली वीडियो वायरल हो गया था. इसके बाद गृह मंत्रालय ने बीएसएफ के डीजी से इस संबंध में पूरी जानकारी मांगी थी. दूसरी तरफ बीएसएफ ने यहां एक विशेष टेलीफोन आधारित हेल्पलाइन शुरु की है ताकि उसके जवान 31 जनवरी तक ‘‘गुप्त’ तरीके से अपनी शिकायतें दर्ज करा सकें. अधिकारियों ने कहा कि बीएसएफ के महानिदेशक के के शर्मा ने कल देश भर में बल की क्षेत्रीय इकाइयों के साथ उपग्रह आधारित एक सैनिक सम्मेलन किया था जिसमें उन्होंने जवानों से गुप्त तरीके से अपनी शिकायतें उन्हें बताने को कहा.

शर्मा ने यहां बीएसएफ मुख्यालय के दो टेलीफोन नंबर भी बताए और कहा कि जवान एवं अधिकारी इन हेल्पलाइनों पर अपनी कोई भी शिकायत दर्ज करा सकते हैं और कॉल करते वक्त उनके नाम, रैंक, पदनाम वगैरह नहीं पूछे जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह हेल्पलाइन 31 जनवरी तक काम करेगी और उसके बाद वाजिब शिकायतों पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.

गृह मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को सौंपी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि उसे एक बीएसएफ जवान की इस शिकायत में कोई दम नहीं नजर आया है कि सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों को घटिया राशन दिया जाता है और इस पर जोर दिया कि ‘सुरक्षाबलों में खाने को लेकर कोई व्यापक असंतोष नहीं है. ‘ अपनी रिपोर्ट में गृहमंत्रालय ने पीएमओ से कहा कि अर्धसैनिक बलों की किसी भी चौकी पर राशन की कमी नहीं है और नियमित रुप से गुणत्ता की जांच की जाती है. बीएसएफ जवान तेज बहादुर की खाने की गुणवत्ता के बारे शिकायत वाला वीडियो सोशल मीडिया पर फैल गया है जिससे प्रतिक्रियाओं की बाढ आ गयी है. पीएमओ ने इस घटना पर विस्तृत तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी.

बीएसएफ के डीजी ने इसकी जांच के लिए बड़े अधिकारियों को भेजा था. पीएमओ भी इस शिकायत पर नजर रखे हुए था. गृहमंत्रालय ने आज इसकी रिपोर्ट पीएमओ को भेजी जिसमें उन्होंने जवान की शिकायत को झूठ करार दिया है. हालांकि पीएमओ को भेजी गयी रिपोर्ट पर सवाल खड़े होने लगे हैं. जवान तेजबहादूर ने खराब खाने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया था. इतना ही नहीं उसने सेना के उच्चअधिकारियों पर राशन के पैसे के घोटाले का आरोप लगाया था.

वीडियो में जवान ने अपनी जान का खतरा भी बताया था. उनकी पत्नी ने एक ऑडियो जारी कर बताया था कि बीएसएफ सिर्फ जांच का दिखावा कर रही है. तेज बहादुर ने बातचीत में यह बात कही कि उस पर शिकायत वापस लेने का दवाब बनाया जा रहा है. उसका ट्रांसफर भी दूसरे विभाग में कर दिया गया है.
इन खबरों के बीच उसके सेवानिवृत होने की खबर भी आयी जिसमें 31 जनवरी को उसे स्वैच्छिक सेवानिवृति की इजाजत मिल गयी. तेज बहादुरकी शिकायत के बाद कई जवानों ने सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करना शुरू कर दिया था. सेना प्रमुख बिपिन रावत ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके कहा कि जिन्हें भी शिकायत करनी हो वो मुझसे कहें सोशल मीडिया पर नहीं. तेज बहादुर की शिकायत के मामले में गृहमंत्रालय की रिपोर्ट हैरान करने वाली है. हालांकि रिपोर्ट में किन तथ्यों के आधार पर शिकायत को झूठ बताया गया है इसकी पूरी

जानकारी आना अभी बाकी है.