नोटबंदी के बाद पहला चुनाव : 04 फरवरी से 08 मार्च के बीच वोट, होली के पहले मनेगी दीवाली

नयी दिल्ली/ लखनऊ : चुनाव आयोग ने बुधवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी. चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 403 सीटों के लिए 11 फरवरी से आठ मार्च के बीच सात चरणों में (हर चौथे दिन) वोट डाले जायेंगे. उत्तराखंड, पंजाब व गोवा में एक और मणिपुर में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 5, 2017 7:51 AM

नयी दिल्ली/ लखनऊ : चुनाव आयोग ने बुधवार को पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी. चुनाव कार्यक्रम के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में 403 सीटों के लिए 11 फरवरी से आठ मार्च के बीच सात चरणों में (हर चौथे दिन) वोट डाले जायेंगे. उत्तराखंड, पंजाब व गोवा में एक और मणिपुर में दो चरणों में वोटिंग हाेगी. इन पांचों राज्यों में मतगणना एक साथ 11 मार्च को होगी. मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने कहा कि आयोग इन चुनावों में कालेधन के इस्तेमाल पर नजर रखेगा. पूरी चुनावी प्रक्रिया 11 जनवरी को पंजाब व गोवा में चुनाव अधिसूचना जारी होने के साथ शुरू होगी. पांच राज्यों के कुल 690 सीटों के लिए 16 करोड़ लोग वोट डालेंगे. कुल 1.85 लाख मतदान केंद्र होंगे. पांचों राज्यों में 133 सीटें अनुसूचित जातियों व 23 अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित हैं. चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही पांचों राज्यों में आदर्श आचार संहिता तत्काल प्रभाव में आ गयी है.

यानी इन राज्यों में चुनाव से जुड़े कर्मियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग, शिलान्यास-उदघाटन पर रोक के अलावा राजनीतिक दलों व नेताओं पर कई बंदिशें लागू होंगी. जैदी ने कहा कि विमुद्रीकरण के बाद इन चुनावों में काले धन का इस्तेमाल कम होने की उम्मीद है, लेकिन विभिन्न स्वरूपों में अन्य प्रलोभनों में वृद्धि हो सकती है. निर्वाचन आयोग पहली बार चुनाव प्रक्रिया की घोषणा के बाद पहले 72 घंटों के लिए और मतदान से पहले अंतिम 72 घंटों के लिए मानक परिचालन प्रक्रिया जारी करेगा, जिससे कि चुनावी मशीनरी का चुस्त व सक्रिय रहना सुनिश्चित हो सके. इस दौरान मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ निर्वाचन आयुक्त एके जोति और ओपी रावत भी मौजूद थे. चुनाव के दौरान काले धन के इस्तेमाल व दूसरे प्रलोभनों पर अंकुश लगाने के लिए 400 पर्यवेक्षकों की तैनाती होगी.
पंजाब, गोवा और मणिपुर विधानसभाओं का कार्यकाल 18 मार्च को समाप्त हो रहा है, जबकि उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल 26 मार्च को और उत्तर प्रदेश विधानसभा का कार्यकाल 27 मई को पूरा हो रहा है. इस बीच, भाजपा, कांग्रेस, सपा समेत विभिन्न राजनीतिक दलों ने चुनाव घोषणा का स्वागत किया है. भाजपा जहां नोटबंदी के बाद पैदा हुए सकारात्मक लहर के दम पर चुनाव जीतने का दावा कर रही है. वहीं, कांग्रेस ने चुनाव आयोग से साफ-सुथरा चुनाव कराने की मांग की है. नोटबंदी के बाद पहली बार हो रहे हो रहे इस चुनाव को केंद्र की मोदी सरकार के लिए लिटमस टेस्ट माना जा रहा है. साथ ही 2019 में लोकसभा चुनाव होने के ठीक पहले पहली बार देश के सबसे बड़े राज्य यूपी और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण पंजाब में चुनाव होने जा रहा है.
धर्म के आधार पर वोट नहीं : तैयार होगा गाइड लाइन : धर्म के आधार पर वोट नहीं मांगने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में चुनाव आयोग की तैयारी के बारे में पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि स निर्णय के क्रियान्वयन में मदद के लिए अलग से दिशा-निर्देश तैयार किये जा रहे हैं.
नोटबंदी के बाद पहला चुनाव
कैश पर रहेगी लगाम : उम्मीदवारों को एक नया बैंक एकाउंट खोलना होगा. उत्तर प्रदेश, पंजाब व उत्तराखंड में प्रत्येक उम्मीदवार के लिए खर्च की अधिकतम सीमा 28 लाख आैर गोवा व मणिपुर के लिए 20 लाख रुपये होगी. 20 हजार रुपये से ऊपर का सभी खर्च उम्मीदवारों के चुनावी खातों से चेक के जरिये करना होगा. सभी चंदे चेकों के जरिये स्वीकार किये जायेंगे.

Next Article

Exit mobile version