मुआवजा मामले पर बोलीं महबूबा, आतंकी और परिवार वालों में फर्क करना होगा

नयी दिल्ली : जम्मू कश्मीर में पीडीपी- भाजपा गंठबंधन में दरार अब साफ दिखने लगी है. आतंकी मुजफ्फर वाणी सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 13 अप्रैल 2015 को मारा गया था. पीडीपी अब इस परिवार को मुजफ्फरवाणी के मारे जाने का मुआवजा देने का मन बना रही है. एक सभा में जम्मू कश्मीर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2016 4:08 PM
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नयी दिल्ली : जम्मू कश्मीर में पीडीपी- भाजपा गंठबंधन में दरार अब साफ दिखने लगी है. आतंकी मुजफ्फर वाणी सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में 13 अप्रैल 2015 को मारा गया था. पीडीपी अब इस परिवार को मुजफ्फरवाणी के मारे जाने का मुआवजा देने का मन बना रही है. एक सभा में जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा, हमें आतंकी और आतंकी के परिवार में फर्क करना होगा. सरकार ने वाणी के परिवार को मुआवजा देने की घोषणा की है. सरकार के इस फैसले को लेकर विरोध शुरू हो गया है.

सरकार में ही कई लोगों का कहना है कि आतंकी के मारे जाने के बाद मुआवजा देना बिल्कुल गलत है. यह सीधे तौर पर मुआवजा नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. इस फैसले से सेना के मनोबल में कमी आयेगी. इस फैसले को लेकर सरकार के अंदर से कोई खुलकर सामने नहीं आ रहा लेकिन अंदर से विरोध शुरू हो गये हैं. किसी भी आतंकवादी या चरमपंथी की मौत के एवज में मुआवजा नहीं दिया जाता. अगर सरकार इन लोगों के परिवार वालों को मुआवजा देती है तो इनके आतंकी होने पर भी सवाल खड़े होंगे. सेना ने साफ किया है कि जिन लोगों की मौत पर मुआवजा देने की घोषणा की जा रही है वो हिजबुल के आतंकी थे.
भाजपा और पीडीपी के बीच इस मामले को लेकर खींचतान शुरू हो गयी है. इससे पहले भी महबूबा मुफ्ती बागी तेवर अपना चुकी हैं. उन्होंने दिल्ली में हो रही एक कैबिनेट की बैठक से खुद को अलग कर लिया. महबूबा कैबिनेट के BJP मंत्रियों के साथ मतभेद के कारण बैठक सीधे उठकर चली गयीं.
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