ट्रिपल तलाक: कोर्ट के फैसले के बाद बोलीं रेणुका चौधरी- अब मुस्लिम बहनों को मिलेगा हक

नयी दिल्ली/इलाहाबाद : तीन तलाक के मुद्दे पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि कोई भी पर्सनल लॉ संविधान से ऊपर नहीं है. मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देना क्रूरता की श्रेणी में आता है. कोर्ट के इस फैसले के बाद लोगों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 8, 2016 1:41 PM

नयी दिल्ली/इलाहाबाद : तीन तलाक के मुद्दे पर आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया है. कोर्ट ने कहा कि कोई भी पर्सनल लॉ संविधान से ऊपर नहीं है. मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देना क्रूरता की श्रेणी में आता है. कोर्ट के इस फैसले के बाद लोगों की मिलीजुली प्रतिक्रिया आ रहा है.

मुस्लिम धर्मगुरु खालिद रशीद फिरंगी महाली ने कहा है कि हम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन संविधान हमें फैसले के खिलाफ अपील करने का हक देता है. एआइएमपीएलबी की लीगल समिति फैसले का अध्ययन करेगी और इसके खिलाफ अर्जी दाखिल करेगी. वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के अध्यक्ष कमाल फारुकी ने फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस्लाम महिलाओं के अधिकारों पर दुनिया के सबसे ज्यादा प्रगतिशील धर्मों में से एक है. तलाक शरीय लॉ का हिस्सा है, इससे कोई छेड़छाड़ नहीं होनी चाहिए.

कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी ने कहा कि यह बहुत पहले ही हो जाना चाहिए था. मुझे खुशी है कि मेरी मुस्लिम बहनों को हक और इज्जत मिलेगी. भाजपा नेता और सांसद मीनाक्षी लेखी ने कहा कि यह एक प्रगतशिील फैसला है हमें राजनीति से ऊपर उठकर इसका सम्मान करना चाहिए. देश में शरीय लॉ नहीं है.

सामाजिक कार्यकर्ता जाकिया सोमन ने फैसले पर अपनी राय रखते हुए कहा कि मैं इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करती हूं. यह सच है कि तीन तलाक असंवैधानिक है और इसे खत्म होना ही चाहिए.

Next Article

Exit mobile version