‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
मुंबई : नागपुर की दशहरा रैली में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मोदी सरकार की जमकर तारीफ की और इशारों-इशारों में भारतीय सेना के द्वारा उड़ी हमले के बाद किए गए सर्जिकल स्ट्राइक का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया आज मोदी सरकार का लोहा मान रही है हमें भी उम्मीद है धीरे-धीरे मोदी के नेतृत्व में देश आगे और तरक्की करेगा.
सर्जिकल स्ट्राइक का नाम लिये बिना भागवत ने मोदी सरकार की पीठ थपथपाते हुए कहा कि यह पहली सरकार है जो ऐसे मामलों में तुरंत कार्रवाई कर रही है जिससे भारतीय सेना का मनोबल बढा है. उन्होंने कहा कि सेना के पाराक्रम का हम अभिनंदन करते हैं. फिर एक बार पूरी दुनिया में भारत की सेना की प्रतिष्ठा ऊंची हो गई. उपद्रवी को संकेत मिला कि सहन करने की मर्यादा होती है.
कश्मीर का उल्लेख
मोहन भागवत ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की स्थिति देखकर चिंता होती है, लेकिन हम यह जानते हैं कि पूरा पीओके सहित कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है. उन्होंने कहा कि कुछ उपद्रवी वहां का माहौल बिगाड़ने में लगे हुए हैं. वहां के लोगों को विकास का काम नहीं नजर आता है, इसलिए राज्य और केंद्र सरकार को एक नीति पर काम करने की आवश्यकता है. संघ प्रमुख ने कहा कि विकास के साथ-साथ विश्वास भी जरूरी होता है. यहां के लोगों के पास राशन कार्ड रोजगार जैसे चीजों का आभाव है. वे चाहते हैं कि जिस प्रकार अन्य राज्यों में लोगों को सुविधाएं दी जाती है उसी प्रकार उन्हें भी सुविधा मिले, जिससे वे दशकों से महरुम हैं.
सीमा पार से उपद्रवियों को उकसाया जाता है
कश्मीर के उपद्रवियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यहां के लोगों को उकसाने का काम सीमा पार से किया जाता है. यह सभी जानते हैं. संघ प्रमुख ने कहा कि सीमाओं की सुरक्षा में एक क्षढ़ की भी ढिलाई भारी पड़ सकती है इसलिए सुरक्षा एजेंसियों सहित सेना को चौकन्ना रहने की जरूरत है. यहां की भौगोलिक स्थिति ऐसी है जिसका फायदा विरोधी देश उठाते हैं और भारत को अशांत करने में लगे रहते हैं लेकिन इस सरकार ने बता दिया है कि हम हर प्रकार की स्थिति से निपट सकते हैं. देश का स्वार्थ सर्वोपरि है. देश के यशस्वी नेतृत्व ने पाक को अलग-थलग कर दिया है.
गोरक्षा पर की बात
मोहन भागवत ने कहा कि संविधान की मर्यादा में गोरक्षा हो, जाति धर्म के आधार पर उत्पीड़न न हो. गोरक्षा में कभी-कभी आंदोलन करना पड़ता है. उन्होंने कहा कि गोरक्षा करने वालों को उसके नाम पर उपद्रव करने वालों से अलग करके देखना होगा. परंपरा और रीति रिवाज के सही आयामों को लेकर भी कुछ लोग भ्रांति फैला रहे हैं. मोदी सरकार के विरोधियों पर हमला करते हुए भागवत ने कहा कि विरोधी का काम कमियां निकालना है. यह लोकतंत्र की शोभा है. अभी जो शासन है, वह काम करने वाला है, उदासीन रहने वाला नहीं है. जिस ढंग से यह सरकार चल रही है, उससे विश्वास होता है कि देश में बदलाव आएगा. उन्होंने कहा कि जिनकी दुकान कट्टरता पर चलती है वे ताकतें भारत को आगे नहीं बढ़ने देना चाहतीं.