‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और एक समय अपने करीबी सहयोगी रहे अरविंद केजरीवाल से असहमति जताते हुए कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर सेना के लक्षित हमलों का सबूत मांगना सही नहीं है.
हजारे ने कहा, ‘‘लक्षित हमलों का सबूत मांगना गलत है. मैं इसकी निंदा करता हूं. यह मामला सेना, देश और सीमा से जुड़ा है. इस समय (सेना पर) अविश्वास करना गलत है. अभियान के लिए काफी योजना बनायी गयी थी. इस तरह के मामले में हम लोगों पर कैसे अविश्वास कर सकते हैं.” वह अपनी जिंदगी पर बनी फिल्म ‘अन्ना’ का ट्रेलर जारी किए जाने के मौके पर बोल रहे थे.
हजारे ने 1965 के भारत-पाक युद्ध में हिस्सा लिया था और पूर्वोत्तर में जब उग्रवाद बढ रहा था तब वह वहां तैनात थे. केजरीवाल ने सोशल मीडिया पर जारी किए गए एक वीडियो में लक्षित हमले का आदेश देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘‘सलाम” किया लेकिन साथ ही अंतरराष्ट्रीय मीडिया की कुछ खबरों और संयुक्त राष्ट्र निगरानी समूह दोनों की तरफ इशारा किया जो लक्षित हमले की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते दिख रहे हैं. केजरीवाल ने इसलिए इस वीडियो में मोदी से ‘‘पाकिस्तान के दुष्प्रचार का पर्दाफाश” करने की अपील की.
हजारे ने केंद्र सरकार को एक बार फिर आगाह किया कि अगर वह लोकपाल विधेयक का कार्यान्वयन नहीं करेगी तो वह दोबारा रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन करने पर मजबूर होंगे.