सिंधु जल समझौता से जम्मू कश्मीर को हुआ भारी नुकसान : महबूबा

श्रीनगर : पाकिस्तान नियंत्रित नदियों के पानी का अधिकतम दोहन करने के भारत के फैसले के दो दिन बाद जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि सिंधु जल समझौते के चलते राज्य को नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘आज कई चीजों के बारे में बात हो रही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 28, 2016 10:18 PM
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श्रीनगर : पाकिस्तान नियंत्रित नदियों के पानी का अधिकतम दोहन करने के भारत के फैसले के दो दिन बाद जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने आज कहा कि सिंधु जल समझौते के चलते राज्य को नुकसान उठाना पड़ा है.

उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘आज कई चीजों के बारे में बात हो रही है. सिंधु जल समझौता की बात हो रही है…हम इस समझौते को लेकर नुकसान उठा रहे हैं. हमें मुआवजा मिलना चाहिए और हम पाकिस्तान से इसके लिए नहीं कह सकते लेकिन अपने देश से तो कह सकते हैं. हमें जो कुछ मिले, चाहे यह हमारी बिजली परियोजना हो या कोई और चीज, हमें मिलना चाहिए. ”

इस समझौते पर सितंबर 1960 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु और पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे. समझौते के तहत जम्मू कश्मीर से होकर बहने वाली तीन नदियों…झेलम, सिंधु और चेनाब का नियंत्रण पाकिस्तान को दे दिया गया जबकि भारत को व्यास, रावी और सतलुज का नियंत्रण मिला, जो पंजाब से होकर गुजरती हैं. समझौते के चलते भारत झेलम, सिंधु या चेनाब पर कोई बड़ा बांध या बिजली परियोजना नहीं बना सका.

महबूबा ने कहा, ‘‘बहुत सी लड़ाइयां हुईं पर इस संधि को नहीं छुआ गया क्योंकि दोनो ही देश हमारे संसाधनों से लाभ उठा रहे थे हालांकि जम्मू कश्मीर को नुकसान भी उठाना पड़ा.” गौरतलब है कि दो दिन पहले ही प्रधानमंत्री ने कहा था कि खून और पानी साथ…साथ नहीं बह सकते. महबूबा ने कहा कि उन्हें आशा थी कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नवंबर में दक्षेस सम्मेलन के लिए पाकिस्तान जाते लेकिन उरी हमले के बाद मौजूदा हालात में वह नहीं जा सकते.

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