‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली: पारंपरिक डफली की धुनों और आजादी के नारों के बीच जवाहर लाल नेहरु विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव में रिकार्ड 59 प्रतिशत मतदान हुआ. यह पिछले वर्ष तुलना में छह प्रतिशत अधिक है. जेएनयू छात्र संघ चुनाव में पिछले वर्ष 53.3 प्रतिशत मतदान हुआ था और विश्वविद्यालय परिसर में इस वर्ष सामने आए विवादों के मद्देनजर चुनाव को दिलचस्प माना जा रहा है.
जेएनयू छात्र संघ चुनाव के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त इशिता माना ने कहा, ‘‘ मतदान शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हो गए. 59.6 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. मतादाता सूची में 8600 छात्रों के नाम पंजीकृत थे और कुल 4481 छात्रों ने मतदान किया. ‘ शुरुआत में मतदान की गति धीमी रही हालांकि दोपहर के भोजन के बाद मतदान ने गति पकड़ी. मतदान केंद्र पर काफी संख्या में चुनाव प्रचार करने वालों को नारे लगाते, हाथ से बने पोस्टर प्रदर्शित करते और पर्चा बांटते देखा गया. छात्रों को पारंपरिक डफली की धुनों पर नाचते भी देखा गया.
जेएनयू के वर्चुअली चैलेंज्ड फोरम के दो प्रतिनिधियों ने देखने में असमर्थ छात्रों को एचटीएमएल पोर्टल के जरिये मतदान करने में सहायता की. यह व्यवस्था पिछले वर्ष पेश की गई थी. कडी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतगणना आज रात नौ बजे शुरु होगी और चुनाव परिणाम 11 सितंबर को आने की उम्मीद है. चुनाव में केंद्रीय पैनल के लिए 18 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं जबकि पार्षद पद के लिए 79 उम्मीदवार मैदान में हैं. उल्लेखनीय है कि जेएनयू छात्र संघ चुनाव में आइसा..एसएफआई गठबंधन, बीएपीएसए और एबीवीपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. जेएनयू छात्र संघ पर वर्षो से वामपंथी संघों का प्रभाव रहा था और पिछले वर्ष आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी को एक सीट हासिल हुई थी और 14 वर्षो के अंतराल के बाद वह विश्वविद्यालय में वापसी कर सकी