‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने विस्तृत वार्ताओं के दौरान आतंकवाद एवं कट्टरपंथ की दोहरी चुनौतियों से प्रभावशाली तरीके से निपटने के लिए आपसी रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग बड़े स्तर पर बढ़ाने का आज निर्णय लिया.
भारत एवं मिस्र दोनों आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे हैं, ऐसे में दोनों नेताओं ने इस समस्या को ‘‘सबसे गंभीर खतरों’ में से एक बताया और रक्षा सहयोग बढाने के अलावा इससे निपटने के लिए बडे स्तर पर सूचना एवं संचालनात्मक आदान प्रदान करने का निर्णय लिया. मिस्र पूर्वोत्तर एशिया एवं पश्चिम एशिया के बीच अहम लिंक है.
मोदी ने सीसी से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘हमारा मानना है कि बढ़ता कट्टरपंथ, हिंसा और आतंकवाद इस क्षेत्र में एक वास्तविक खतरा है.’ दोनों देशों ने व्यापारिक एवं वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत बनाने का भी निर्णय लिया और माना कि दोनों देशों में ऐसे आर्थिक अवसरों को भुनाने के कई मौके हैं जिनका अभी दोहन नहीं किया गया है.