‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : दिल्ली में एक बार फिर उप-राज्यपाल और केजरीवाल सरकार के बीच जंग छिड़ गई है. उप-राज्यपाल नजीब जंग ने स्वास्थ्य सचिव तरुण सीम और पीडब्ल्यूडी सचिव सर्वज्ञ श्रीवास्तव का तबादला कर दिया है. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने इस बाबत उप राज्यपाल से मुलाकात करके इन अधिकारियों को नहीं हटाने का आग्रह किया था.
उप राज्यपाल के इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि मनीष सिसोदिया ने उप-राज्यपाल के पैर पड़े कि मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल बनाने वाले सचिव को 31 मार्च तक ना हटाए लेकिन वह नहीं माने…
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा कि उप-राज्यपाल ने अधिकारियों को तबादला कर दिया जबकि इस संबंध में उन्होंने किसी से परामर्श नहीं किया. क्या यही मोदी का लोकतंत्र है ?
एक ट्वीट को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रिट्वीट किया है. यह ट्विटर हैंडल आशुतोष नामक शख्स का है जिसमें इन दोनों नए अधिकारियों पर निशाना साधते हुए उन्होंने ट्वीट किया कि जो दो नए अधिकारी आए हैं उनमें एक को निकम्मेपन को कारण शीला सरकार ने 3 साल पद नहीं दिया, दूसरा वो जो मांझे के आदेश पर बैठा रहा.
मनीष LG के पैरों में पड़े कि मोहल्ला क्लीनिक और स्कूल बनाने वाले secretaries को 31 मार्च तक ना हटाए। पर वो नहीं माने https://t.co/J69h3p64z4
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) August 30, 2016
आपको बता दें कि दोनों अधिकारियों को हटाने की वजह यह है कि दोनों ही आईएएस नहीं थे. स्वास्थ्य सचिव हेल्थ एक्सपर्ट थे, जबकि पीडब्लूडी सचिव इंजीनियर. फिलहाल पीडब्लूडी सचिव का जिम्मा अश्विनी कुमार को जबकि हेल्थ सचिव का जिम्मा चंद्राकर भारती को दिया गया है.
In my opinion, this LG of Delhi Mr. Jung is unsuited for this high post. He is another 420 like Kejri. We need a Sangh person in Delhi
— Subramanian Swamy (@Swamy39) August 30, 2016
इधर, भाजपा सांसद सुब्रह्मण्यम् स्वामी ने दिल्ली के उप राज्यपाल पर नि शाना साधते हुए कहा कि वह अपने पद पर बने रहने के लायक नहीं हैं. वह केजरीवाल की तरह ही 420 हैं. दिल्ली के उपराज्यपाल के पद पर कोई संघ का व्यक्ति होना चाहिए.