मुम्बई : बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा हाजी अली दरगाह में मजार के पास महिलाओं के प्रवेश पर रोक हटाने के दो दिन बाद भूमाता ब्रिगेड की कार्यकर्ता तृप्ति देसाई आज दरगाह पहुंचीं और एक चादर चढायी. तृप्ति ने साथ ही घोषणा की कि अब वह केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के पूजा के अधिकार के लिए संघर्ष करेंगी. देसाई ने मुम्बई के वरली समुद्रतट के पास में एक टापू स्थित दरगाह के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘पिछली बार जब हम यहां हाजी अली दरगाह आये थे तब हमने उच्च न्यायालय में अपने पक्ष में फैसले के लिए दुआ मांगी थी.
Advertisement
तृप्ति देसाई ने हाजी अली दरगाह में चादर चढाई
Advertisement
![2016_8largeimg228_Aug_2016_190856580](https://pkwp184.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/01/2016_8largeimg228_Aug_2016_190856580.jpeg)
मुम्बई : बम्बई उच्च न्यायालय द्वारा हाजी अली दरगाह में मजार के पास महिलाओं के प्रवेश पर रोक हटाने के दो दिन बाद भूमाता ब्रिगेड की कार्यकर्ता तृप्ति देसाई आज दरगाह पहुंचीं और एक चादर चढायी. तृप्ति ने साथ ही घोषणा की कि अब वह केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के पूजा के अधिकार […]
![Audio Book](https://pkwp184.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2025/01/audio-book-1.png)
ऑडियो सुनें
चूंकि हमारी दुआ सुनी गई और वह कबूल हुई हम हाजी अली बाबा का आशीर्वाद लेने और चादर चढाने के लिए यहां आये।” शहर के सबसे महत्वपूर्ण स्थलों में से एक सैयद पीर हाजी अली शाह बुखारी की मजार भारतीय…इस्लामी वास्तुकला का एक प्रमुख नमूना है. तृप्ति ने मुस्लिमों सहित देश के लोगों को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए दरगाह के ट्रस्ट से अनुरोध किया कि वह उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय नहीं जाये. उन्होंने यद्यपि साथ ही यह विश्वास भी जताया कि यदि ऐसा कोई कदम उठाया भी गया तो उच्चतम न्यायालय महिलाओं के पक्ष में फैसला सुनाएगा.
तृप्ति ने कहा, ‘‘यदि ट्रस्टी उच्च न्यायालय के फैसले के गुणदोष पर गंभीरता से विचार करे तो यह संभव है कि बाबा के दरवाजे अगले दो दिन केवल महिला श्रद्धालुओं के लिए खुले रहें.” उन्होंने यह भी कहा कि वह आज ट्रस्टी से मुलाकात करना चाहती थीं लेकिन रविवार होने के चलते कोई भी उपलब्ध नहीं था.” बम्बई उच्च न्यायालय ने गत शुक्रवार को एक ऐतिहासिक फैसले में हाजी अली दरगाह में मजार के पास महिलाओं के जाने पर लगी रोक यह कहते हुए हटा दी थी कि यह मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है.
अदालत ने कहा था कि ट्रस्ट को महिलाओं का प्रवेश किसी सार्वजनिक उपासना स्थल पर रोकने का कोई अधिकार नहीं है. अदालत ने यद्यपि अपने आदेश पर हाजी अली दरगाह ट्रस्ट की अर्जी पर छह सप्ताह की रोक लगा दी थी जो उसे उच्चतम न्यायालय में उसे चुनौती देना चाहता है.
गत अप्रैल में तृप्ति ने हाजी अली दरगाह की मजार के पास जाने का असफल प्रयास किया था. तृप्ति ने कहा, ‘‘आज मैं दरगाह की अनुमेय सीमा तक ही गई क्योंकि मैं किसी भी तरह से अदालत के फैसले की अवज्ञा नहीं करना चाहती थी।” उन्होंने कहा कि उनका किसी की भी धार्मिक भावनाओं का आहत करने का कोई इरादा नहीं है, वह तो केवल यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि महिलाओंे को सभी उपासना स्थलों पर समान अधिकार मिले.
ट्रेंडिंग टॉपिक्स
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Word Of The Day
Sample word
Sample pronunciation
Sample definition