‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : गुजरात के नये मुख्यमंत्रीकी दौड़में विजय रूपानी विजयी रहे. अंतिम क्षण में यह फैसला लिया गया. पहले राजनीतिक गलियारों में चर्चा थी कि नितिन पटेल अगले मुख्यमंत्री होंगे. जैसे ही विजयरूपानीके नाम का एलान हुआ,मुख्यधारा की मीडियाके साथ-साथ सोशल मीडिया में भी इसकी चर्चा जोरों से शुरू हो गयी. कुछ ही घंटों में विजयरूपानीका नाम ट्रेंड करने लगा. सोशल मीडिया पर लोगों ने तरह-तरह की प्रतिक्रिया दी.
एनआरआई नाम से एक ट्वीट किया गया जिसमें कहा गया है – विजय रुपानी का नाम कितना सांप्रदायिक सुनायी पड़ता है.
https://twitter.com/RealNRI/status/761549597818884096
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेशाई ने भी ट्वीट किया. उन्होंने कहा दोपहर 2 बजे नितिन पटेल टीवी चैनल पर थे और बता रहे थे कि गुजरात का एजेंडा क्या होगा, शाम 5 बजे विजय रूपानी के नाम का एलान कर दिया गया. विजय रूपानी के नाम के एलान के साथ साफ हो गया कि अमित शाह गुजरात के बॉस हैं. क्या वे 2017 के चुनाव के बाद गांधीनगर वापस जायेंगे ?.
At 2 pm: Nitin Patel does iviews with channels spelling out agenda as Gujarat CM; at 5.30 pm Vijay Rupani name is announced!
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) August 5, 2016
जिगन ने ट्वीट किया, विजय़ रूपानी को मुख्यमंत्री बनने पर बधाई लेकिन अमित शाह मुख्यमंत्री बनते तो मजा आ जाता.
Congratulations Vijay Rupani for becoming the CM of Gujarat. Par Amit Shah bante to mazaahi kuch aur hota… Lololololol
— Raasshhmmee (@milaniyumm) August 5, 2016
जेई म्यूनिख ने ट्वीट किया अब गुजरात के चार ऐसे लोगहैंजिन्हें लोग अच्छी तरह पहचानते हैं . पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, दूसरे अमित शाह, तीसरी आनंदीबेन पटेल और चौथे विजय रूपानी.
https://twitter.com/The_Wa_Na/status/761554045618253824
कल्पेश ने ट्वीट किया कि 2017 के विधानसभा चुनाव में विजय रूपानी को बहुमत मिलेगा.
#ChangeToWinGujrat..Vijay Rupani will be giving clear Majority in Election 2017
— CA Kalpesh Parmar (@kalpeshvparmar) August 5, 2016
सोशल मीडिया पर अभी भी गुजरात के नये मुख्यमंत्री को लेकर प्रतिक्रिया आ रही है. कोई इसकी चर्चा कर रहा है कि रूपानीको इसलिए मौका मिला क्योंकि वो आरएसएस के करीबी थे तो कोई दावा कर रहा है कि उन्हें अमित शाह के करीबी होने का फायदा मिला. कई लोग गुजरात में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इसे अच्छा दावं बता रहे हैं.