पढें आनंदीबेन ने क्यों कहा- लेट मी लीव
अहमदाबाद/नयी दिल्ली : गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले अचानक उठाये गये कदम के तहत गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को अपने पद से हटने की पेशकश की. वर्तमान में ऊना घटना समेत कई चुनौतियों से दो-चार आनंदीबेन ने कहा कि वह जल्द ही 75 वर्ष की उम्र पूरी करने वाली हैं, ऐसे में […]
अहमदाबाद/नयी दिल्ली : गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले अचानक उठाये गये कदम के तहत गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को अपने पद से हटने की पेशकश की. वर्तमान में ऊना घटना समेत कई चुनौतियों से दो-चार आनंदीबेन ने कहा कि वह जल्द ही 75 वर्ष की उम्र पूरी करने वाली हैं, ऐसे में वे पद से हटना चाहती हैं, ताकि नये नेतृत्व को काम करने का मौका मिले. दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने इस घटनाक्रम के बारे में कहा कि आनंदीबेन के स्थान पर किसी दूसरे नेता को नियुक्त करने के बारे में अंतिम फैसला पार्टी संसदीय दल ही करेगा. इस पेशकश की वजह के बारे में शाह ने कहा कि वह ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं कर रही हैं कि वह 75 वर्ष की हो रही हैं, बल्कि वह एक अनुकरणीय उदाहरण पेश करना चाहती हैं. 1998 से राज्य सरकार में मंत्री रही आनंदीबेन ने 22 मई 2014 को मुख्यमंत्री का पद संभाला था.
रेस में नितिन व विजय आगे
नये मुख्यमंत्री की रेस में नितिन पटेल और विजय रूपाणी के नाम सबसे आगे चल रहे हैं. ये दोनों आनंदीबेन पटेल सरकार में मंत्री हैं. हालांकि भाजपा अध्यक्ष शाह ने स्पष्ट किया कि पार्टी संसदीय बोर्ड ही अंतिम फैसला करेगा.
कांग्रेस बोली, पहले ही उठाना था कदम
कांग्रेस के गुजरात मामलों के महासचिव गुरुदास कामत ने कहा कि आनंदीबेन को पहले ही यह कदम उठा लेना चाहिए था. अब तक भाजपा उन्हें बचाती रही है. यदि उन्हें किसी राज्य का राज्यपाल बनाया जाता है या केंद्रीय कैबिनेट में जगह दी जाती है, तो दलितों व पाटीदार समुदाय के लोगों के जख्मों पर नमक छिड़कने के बराबर होगा.
नये को तैयारी का मिले मौका : आनंदीबेन
आनंदीबेन ने अपने फेसबुक पोस्ट में कहा कि पिछले कुछ समय से पार्टी की परंपरा है कि जो नेता 75 की उम्र पूरी कर लेते हैं, वे अपने पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले लेते हैं. मैं नवंबर में 75 की हो जाऊंगी. पार्टी से आग्रह है कि मुझे दो माह पहले ही कार्यमुक्त कर दिया जाये, ताकि नये सीएम को 2017 में विस चुनाव और वाइब्रेंट गुजरात की तैयारी का मौका मिल सके. ऐसा माना जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा के नेताओं के लिए सरकार में पद धारण करने की अधिकतम आयु 75 वर्ष से कम तय की है.
दो साल का कार्यकाल
गुजरात में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री काल के बाद से आनंदीबेन के दो साल से ज्यादा की अवधि के दौरान इस बार पहली बार भाजपा को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उसे नगर निकाय चुनाव में ग्रामीण इलाकों में पराजय का मुंह देखना पड़ा, पटेल समुदाय के ओबीसी आरक्षण की मांग को लेकर जबरदस्त आंदोलन का गवाह बनना पड़ा और राज्य के ऊना में दलितों की पिटाई की घटना के बाद दलित ज्वार का सामना करना पड़ा.