‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
पवन कुमार पांडेय
नयी दिल्ली:एक अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) में काम करने वाली और संदिग्ध आतंकवादियों द्वारा पिछले महीने काबुल में अगवा कर ली गयी एक भारतीय महिला को मुक्त करा लिया गया है. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज यह जानकारी दी. आगा खान फाउंडेशन में एक वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार के रूप में काम करने वाली 40 वर्षीय जुडिथ डीसूजा को काबुल से उनके कार्यालय से बाहर नौ जुलाई को अगवा कर लिया गया था. स्वराज ने ट्वीट किया, ‘‘मैं आपको यह सूचित करते हुये खुश हूं कि जुडिथ डीसूजा को रिहा करा लिया गया है.’ उन्होंने जुडिथ की रिहाई सुनिश्चित करने में अफगान अधिकारियों की ‘मदद और समर्थन’ के लिए भी धन्यवाद दिया है. विदेश मंत्रालय कोलकाता निवासी जुडिथ की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए अफगान अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में था.
स्वराज ने जुडिथ की रिहाई सुनिश्चित करने में अफगानिस्तान में भारतीय राजदूत मनप्रीत वोहरा के प्रयासों की भी तारीफ की. जुडिथ के परिवार वालों ने पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिख कर उनकी रिहाई सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप का आग्रह किया था जिससे वह घर लौट सके. मोदी ने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से जुडिथ की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रयासों में तेजी लाने का आग्रह किया था
जूडिथ की सुरक्षित रिहाई के लिए उसके परिवार ने सरकार का शुक्रिया अदा किया
बीते महीने काबुल से अगवा की गई महिला ज्यूडिथ डिसूजा के परिवार ने उनकी सुरक्षित रिहाई करवाने के लिए भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया है.जूडिथ की बहन एग्नेस ने बताया, ‘‘मेरी बहन को बचाने के लिए हम भारत सरकार के आभारी हैं. अब हम उनके घर लौटने का इंतजार कर रहे हैं. हम मीडिया से आग्रह करते हैं कि वह हमारी निजता का सम्मान करे।’ आगा खान फाउंडेशन के साथ बतौर वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार काम कर रही ज्यूडिथ को 9 जून को काबुल में उनके दफ्तर के बाहर से अगवा कर लिया गया था.
बीते महीने ज्यूडिथ के परिवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर उनकी सुरक्षित रिहाई के लिए मामले में दखल देने का अुनरोध किया था. मोदी ने अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी से ज्यूडिथ की सुरक्षित रिहाई के लिए जल्द प्रयास करने का आग्रह किया