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कश्मीर हिंसा पर पाक को राजनाथ ने चेताया, कहा- चिंगारी का खेल बुरा होता है

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नयी दिल्ली : कश्मीर घाटी में अशांति के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि कश्मीरी हमारे अपने लोग हैं जिन्हें बरगलाया जा रहा है. लेकिन हम कश्मीरियत, जम्हूरियत एवं इंसानियत के साथ कश्मीर के हालात को सामान्य बनायेंगे और उसके गौरव एवं शोहरत को बहाल करेंगे. […]

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नयी दिल्ली : कश्मीर घाटी में अशांति के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराते हुए केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि कश्मीरी हमारे अपने लोग हैं जिन्हें बरगलाया जा रहा है. लेकिन हम कश्मीरियत, जम्हूरियत एवं इंसानियत के साथ कश्मीर के हालात को सामान्य बनायेंगे और उसके गौरव एवं शोहरत को बहाल करेंगे. राजनाथ ने कहा कि गैर-घातक हथियारों के रुप में पेलेट गन का विकल्प तलाशने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जायेगा जो दो महीने में रिपोर्ट पेश करेगी. गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ आज कश्मीर के हालात को बिगाडने में पडोसी देश की भूमिका है, उसे नकारा नहीं जा सकता.

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पाकिस्तान कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है. उसका नाम पाक है लेकिन उसकी सारी हरकतें नापाक हैं. वह भारत को अस्थिर करने की कोशिश कर रहा है. ” कश्मीर की स्थिति पर लोकसभा में नियम 193 के तहत हुई अल्पकालिक चर्चा का जवाब देते हुए राजनाथ ने कहा कि पाकिस्तान का निर्माण मजहब के आधार पर हुआ था. हम सोचते थे कि मजहब के आधार पर विभाजन के बाद वह शांति से रहेगा. लेकिन भारत में आतंकवाद पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद है.

गृह मंत्री ने कहा कि मजहब के आधार पर विभाजन के बाद बना पाकिस्तान एकजुट नहीं रह सका और उसके दो टुकडे हो गए. धर्म के आधार पर बने इस देश में आज अलग अलग तंजीमें आपस में लड रही हैं. खूनखराबा हो रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘ भारत में रह रहे इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों की चिंता पाकिस्तान को करने की जरुरत नहीं है. ” राजनाथ ने अटल बिहारी वाजपेयी की कविता का जिक्र करते हुए पाकिस्तान को चेताया….. ‘‘ चिंगारी का खेल बुरा होता है, औरों के घर में आग लगाने का सपना, अपने ही घर में खडा होता है. ” कश्मीर में सुरक्षा बलों द्वारा अधिक सख्ती और पेलेट गन का उपयोग किये जाने के कुछ सदस्यों के सवाल पर उन्होंने कहा कि आतंकवाद से सख्ती से निपटा जाएगा लेकिन भीड से निपटने के लिए गैर घातक हथियारों का उपयोग किया जाता है. पहले आंसू गैस या पानी की बौछार जैसे तरीके अपनाए जा सकते हैं.

राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘ गैर-घातक हथियारों के रुप में पेलेट गन का विकल्प तलाशने के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया जायेगा जो दो महीने में रिपोर्ट पेश करेगी.” उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों को अधिकतम संयम बरतने का निर्देश दिया गया है और उन्होंने इस क्रम में स्वयं ही सीआरपीएफ और बीएसएफ के शीर्ष अधिकारी से बात की है. मजबूरी में बल प्रयोग करना पडे तो गैर..घातक हथियारों का उपयोग किया जा सकता है. उन्होंेने कहा कि इस चर्चा के बाद उनकी यह धारणा और दृढ हुई है कि कश्मीर में स्थिति को सामान्य बनाने के मुद्दे पर राजनीतिक सोच से उपर उठकर सभी राजनीतिक दल एकजुट हैं. कश्मीर में जो कुछ भी हुआ उससे उन्हें और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बहुत पीडा है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने विदेश यात्रा के दौरान स्वयं अपनी तरफ से फोन करके उनसे कश्मीर के हालात के बारे में जानकारी ली। इसके बाद स्वदेश लौटने पर उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर ही सबसे पहली बैठक की. राजनाथ ने कहा कि उन्होंने राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से बात कर राज्य की सुरक्षा स्थिति के बारे में कई बार चर्चा की है तथा वह मुख्यमंत्री तथा अन्य सुरक्षा अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने कश्मीर समस्या के समाधान के लिए तीन सूत्रों..कश्मीरियत, जम्हूरियत एवं इंसानियत पर ध्यान देने को कहा था। उन्होंने कहा कि मौजूदा प्रधानमंत्री एवं उनकी सरकार भी इन्हीं सूत्रों को ध्यान में रखते हुए कश्मीर मुद्दे का हल निकालने की पक्षधर है. उन्होंने कहा कि कश्मीर की पहचान कश्मीरियत पर भी जोर देना होगा.

गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर मुद्दे के समाधान में हैवानियत का कोई स्थान नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों के कर्मियों के मरने के बाद यदि कहीं जश्न मनाया जाए तो उसको स्वीकार नहीं किया जा सकता. कुछ लोग सुरक्षाकर्मियों के मारे जाने का जश्न मनाने की विकृत सोच रखते हैं. उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने कश्मीर में जान गंवायी है, उस पर हम सभी को अफसोस है. सिंह ने कहा कि कश्मीर में स्थिति सामान्य बनाने के लिए अधिकतम प्रयास किए जा रहे हैं. विभिन्न दलों के नेताओं से भी बातचीत कर उनसे सुझाव लिए गये. वहां के लोगों के साथ संवाद स्थापित करने के लिए वह खुद ही कश्मीर जाना चाहते थे. उन्होंने इस क्रम में मुख्यमंत्री महबूबा से बातचीत भी की और कहा कि वह अपनी यात्रा में नेहरु गेस्ट हाउस में रुकना चाहेंगे. उन्होंने कहा कि महबूबा ने उनसे स्थिति थोडी सामान्य होने तक रुकने की बात की और कहा कि वह एक दो दिनों में दिल्ली आएंगी और फिर संवाद शुरु करने के तरीके पर विचार किया जाएगा.

सिंह ने कहा कि वहां कुछ ताकतें नौजवानों को बरगलाने की कोशिश कर रही हैं और आजादी तथा जनमत संग्रह जैसी बातों को लेकर उन्हें उकसाती हैं. कश्मीर का नौजवान हमारा है और बरगलाए युवकों को सही रास्ते पर लाने की हम कोशिश करेंगे. आतंकी बुरहान वानी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि वह हिजबुल का कमांडर था तथा सोशल मीडिया के जरिये लोगों को आतंकवाद के लिए उकसाता करता था। उसके खिलाफ विभिन्न जघन्य अपराधों के 15 से अधिक मामले दर्ज थे. सुरक्षाबलों ने खुफिया जानकारी के आधार पर एक अभियान चलाया जिसमें वह तथा दो अन्य आतंकवादी मारे गये. उन्होंने कहा कि आतंकवादी को अदालत सजा देती है तो कुछ लोग उसे ‘‘न्यायिक हत्या” बताते हैं. इसके साथ ही सुरक्षाकर्मी की मौत पर जश्न की भी बात होती है. ऐसी विकृत मानसिकता पर रोक होनी चाहिए.

गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर में स्थिति सामान्य बनाने के लिए हम जो करेंगे, सबको साथ लेकर करेंगे और सबको साथ लेकर चलेंगे. उन्होंने कहा कि हम राजनीति में सरकार बनाने के लिए नहीं बल्कि देश बनाने के लिए आते हैं. कश्मीर के हालात हम सबको मिलकर सुधारने होंगे. और निश्चित तौर पर हम कामयाब होंगे. गृह मंत्री ने कहा कि कश्मीर में जो हुआ, उससे सभी को पीडा है. कश्मीर में सुरक्षा बलों को अधिकतम संयम बरतने को कहा गया था. उन्होंने कहा कि कश्मीर में पहली बार पेलैट गन का प्रयोग नहीं किया गया. इसका उपयोग 2010 में भी किया गया था. उन्होंने कहा कि कश्मीर में 2180 नागरिक घायल हुए हैं जिनमें से लगभग दो हजार को उपचार के बाद छुट्टी दे दी गयी है. 125 नागरिकों का उपचार चल रहा है. उन्होंने कहा कि हाल की घटनाओं में एक सुरक्षाकर्मी शहीद हुआ जबकि 38 नागरिकों की मौत हुई है. सुरक्षा बलों ने कश्मीर में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने की पहल की है. इसका उदाहरण है कि 2012 में जहां 220 आतंकी घटनाएं हुईं जिसमें 15 नागरिक और 72 आतंकी मारे गए. 2015 में 205 आतंकी घटनाएं हुई जिसमें 17 नागरिक और 108 आतंकवादी मारे गए. इस वर्ष अब तक 52 आतंकी घटनाएं हुई जिसमें ताजा घटना से पहले तक 5 नागरिक और 86 आतंकी मारे गए.

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