ऊना का दौरा करने के बाद आनंदीबेन ने कहा, मुद्दे का राजनीतिकरण ना करें
अहमदाबाद : एक मृत गाय की कथित रुप से चमडी निकालने पर दलित युवकों की पिटाई को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने आज गिर-सोमनाथ जिले के उना तहसील के मोटा समधीयाला गांव में पीडितों के परिवार वालों से मुलाकात की और उनकी हरसंभव मदद करने का वादा किया. एक आधिकारिक […]
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अहमदाबाद : एक मृत गाय की कथित रुप से चमडी निकालने पर दलित युवकों की पिटाई को लेकर जारी विरोध प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने आज गिर-सोमनाथ जिले के उना तहसील के मोटा समधीयाला गांव में पीडितों के परिवार वालों से मुलाकात की और उनकी हरसंभव मदद करने का वादा किया. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने परिवार से कहा कि उनकी सरकार दोषियों के खिलाफ कडी कार्रवाई कर रही है और उनमें से 16 पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं.
कुछ पीडितों ने धमकियां मिलने की शिकायत की जिसे लेकर आनंदीबेन ने उन्हें आश्वस्त किया कि पुलिस उन लोगों को भी गिरफ्तार करेगी. गत 11 जुलाई को गौ रक्षक होने का दावा करने वाले कुछ लोग मोटा समधीयाला पहुंचे और एक मृत गाय की कथित रुप से चमडी निकाल रहे सात दलित युवकों को पीटा. हमलावरों ने आरोप लगाया कि दलितों ने गाय को मारा था.
मुख्यमंत्री ने अपनी यात्रा के दौरान कहा कि सरकार गांव में दलितों और दूसरे गरीब परिवारों के लिए घरों और शौचालयों के निर्माण एवं मरम्मत के लिए अनुदान देगी. साथ ही 24 जुलाई को विधवा पेंशन, मां वत्साल्य योजना, बीपीएल कार्ड पंजीकरण, चिकित्सा वितरण जैसी सरकारी योजनाओं के विभिन्न फायदे उपलब्ध कराने के लिए एक विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा.
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से बात करते हुए बाद में कहा कि मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और बाद में आप नेता अरविंद केजरीवाल के निर्धारित दौरे की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘इस तरह की घटनाओं को कभी भी राजनीति से नहीं जोडा जाना चाहिए .
मैं सभी राजनीतिक दलों से राजनीति ना करने का अनुरोध करती हूं. जो आना चाहते हैं, वह आ सकते हैं और जो हुआ तथा हमने जो कदम उठाए, उन्हें देख सकते हैं.” आनंदीबेन बाद में राजकोट के सरकारी अस्पताल गयीं और चार पीडितों के स्वास्थ्य के बारे में पूछताछ की. उन्होंने साथ ही अस्पताल प्रशासन को उन्हें हरसंभव इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया. इस दौरान सामाजिक न्याय मंत्री रमनभाई वोरा और राज्य मंत्री जसभाई बराड उनके साथ मौजूद थे.