गुजरात में दलित की पिटाई के विरोध में हिंसक प्रदर्शन, हेड कांस्टेबल की मौत, बसों में तोड़फोड़

राजकोट : गुजरात के उना में कथित तौर पर गाय का चमडा उतारने को लेकर कुछ दलितों की बर्बर ढंग से पिटाई के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान भीड़ ने अमरेली कस्बे में पुलिस पर पत्थरों से हमला कर दिया जिसमें एक हेड कांस्टेबल की मौत हो गई. सुरक्षा बलों को आंसू गैस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 19, 2016 7:36 PM

राजकोट : गुजरात के उना में कथित तौर पर गाय का चमडा उतारने को लेकर कुछ दलितों की बर्बर ढंग से पिटाई के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के दौरान भीड़ ने अमरेली कस्बे में पुलिस पर पत्थरों से हमला कर दिया जिसमें एक हेड कांस्टेबल की मौत हो गई. सुरक्षा बलों को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.

पुलिस ने बताया, ‘‘स्थानीय अपराध शाखा में तैनात हेड कांस्टेबल पंकज अमरेली पथराव में घायल हो गए थे. राजकोट के एक अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई. प्रदर्शनकारियों और पुलिसकर्मियों सहित 10 अन्य लोग घायल हैं.’ इस बीच दलितों को पीटे जाने की घटना को लेकर जूनागढ़ जिले के बटवा कस्बे में तीन लोगों ने आज जहर खाकर खुदकुशी का प्रयास किया.
राजकोट के गोंडाल और जामकांडोरना में कल सात दलित युवकों ने खुदकुशी का प्रयास किया था. जूनागढ़, जामनगर और अमरेली जिलों में राज्य परिवहन निगम की कई बसों मे तोड़फोड़ किए जाने और सड़कों को जाम किए जाने की कई घटनाएं हुई हैं.
पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने राजकोट जिले के धोराजी में एक बस को आग के हवाले कर दिया. वहीं कल रात राजकोट में बस रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए बने शेड़ में तोड़फोड़ की गई. पुलिस का कहना है, ‘‘उना में दलितों को पीटे जाने की घटना के खिलाफ दिनेश कुमार (21), दिनेश वेगरा (23) और रसिक विंजुरा (40) आज अबेडकरनगर सोसायटी में एकत्र हुए और जहर खा लिया.’ इन तीनो की हालत स्थिर बताई गई है.
कोट के पुलिस उपायुक्त करणराज वाघेला ने बताया, ‘‘ऐसी खबरें थीं कि बीआरटीएस की बसों में दलित समुदाय के लोग तोड़फोड़ कर रहे हैं. कई सार्वजनिक वाहनों में भी तोड़फोड़ की गई है.’ उन्होंने कहा कि हालात नियंत्रण में है और राजकोट में आज कोई अप्रिय घटना नहीं हुई.
मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने गिर-सोमनाथ जिले के उना की घटना की सीआईडी जांच का आदेश दिया है. दलित युवकों की निर्मम पिटाई का वीडियो वायरल होने के बाद राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश फैल गया. पीडितों का कहना है कि वे एक मरी हुई गाय की खाल उतार रहे थे और उन्होंने गाय नहीं मारी थी. इस मामले में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है तथा तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.

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