नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों भड़की हिंसा को लेकर आज एक बार फिर सूबे के पूर्व मुख्‍यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने महबूबा सरकार पर हमला किया है. ट्विटर पर हालात पर चिंता जाहिर करते हुए उन्होंने लिखा है कि बेशर्म सरकार को दोबारा प्रदेश में शांति कायम करने पर फोकस करना चाहिए.1200 घायलों का उचित इलाज सरकार कराये.

पीएम मोदी को भी आड़े हाथ लेते हुए उमर ने कहा कि मोदी जी कृपया कश्मीर में आइए और ट्रॉमा स्पेशलिस्ट्स भेजि‍ए. केरल में लगी आग के बाद आपने खुद डॉक्टरों की टीम को लेकर वहां का दौरा किया था और वहां जो आग की चपेट आकर घायल हो गए थे उनका आपने इलाज करवाया था अब ऐसी ही टीम लेकर आप यहां भी आइए क्योंकियहांभी प्रदर्शन कर रहे लोगों को चोटें आई हैं और वे गंभीर रुप से घायल हो गए हैं. धन्यवाद जनाब….

उमर अब्दुल्ला ट्विटर पर कहा कि दोनों में से एक बात सही है या तो सरकार बुरहान की मौत के बाद स्थिति का सही आंकलन नहीं कर पाई या आंकलन करने के बाद भी स्थिति संभालने के लिए तैयार नहीं हो सकी. इधर, श्रीनगर में आज शहीदी दि‍वस मनाया जा रहा है जिसमें मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती शामिल हुईं.

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के हालात को लेकर उमर लगातार महबूबा सरकार पर हमला कर रहे हैं. कल हालात का जायजा लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जो दो घंटे तक चली. इस बैठक में सूबे की मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती की अनुपस्थिति को लेकर भी उमर ने सवाल उठाये थे. नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कश्मीर की स्थिति की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को नई दिल्ली में हुयी महत्वपूर्ण बैठक में जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के भाग नहीं लेने पर उन पर निशाना साधा. बहरहाल, जम्मू कश्मीर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने स्पष्ट किया कि कश्मीर की स्थिति के संबंध में यह बैठक केंद्रीय मंत्रियों की थी और महबूबता की उच्च स्तरीय बैठक में कोई भूमिका नहीं थी.

उमर ने बैठक में राज्य का प्रतिनिधित्व नहीं होने पर महबूबा की आलोचना की जो राज्य में पीडीपी-भाजपा सरकार का नेतृत्व कर रही हैं. उन्होंने माइक्रो ब्लागिंग साइट ट्विटर पर लिखा कि वह समझते हैं कि मुख्यमंत्री बैठक में शामिल होने के लिए राज्य नहीं छोड सकतीं लेकिन वीडियो कांफ्रेंस के जरिए क्यों नहीं ऐसा किया गया. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि बैठक में राज्य का प्रतिनिधित्व नहीं हुआ.पूर्व मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि हम विभिन्न प्रकार की निरर्थक चीजों के लिए वीडियो लिंक स्थापित करते हैं लेकिन जब यहां प्रक्रिया में महबूबा मुफ्ती का शामिल होना महत्वपूर्ण था, ऐसा नहीं हुआ.