केंद्र की वेतन बढ़ोतरी से यूनियन नाखुश, हड़ताल पर जाने की चेतावनी
नयी दिल्ली: केंद्रीय सरकारी कर्मचारी कन्फेडरेशन सरकार की ओर से घोषित वेतन बढ़ोतरी से खुश नहीं है. इसको लेकर उन्होंने हड़ताल की चेतावनी दी है. संभवत: अगले सप्ताह केंद्रीय सरकारी कर्मचारी कन्फेडरेशन हड़ताल पर जा सकता है जिसे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का भी समर्थन प्राप्त है. कन्फेडरेशन ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों […]
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नयी दिल्ली: केंद्रीय सरकारी कर्मचारी कन्फेडरेशन सरकार की ओर से घोषित वेतन बढ़ोतरी से खुश नहीं है. इसको लेकर उन्होंने हड़ताल की चेतावनी दी है. संभवत: अगले सप्ताह केंद्रीय सरकारी कर्मचारी कन्फेडरेशन हड़ताल पर जा सकता है जिसे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का भी समर्थन प्राप्त है. कन्फेडरेशन ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर कैबिनेट द्वारा मंजूर वेतन वृद्धि ‘स्वीकार नहीं.’ आरएसएस सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) और अन्य ट्रेड यूनियनों ने भी बढ़ोतरी को खारिज किया और कहा कि पिछले 17 वर्षों में यह न्यूनतम बढ़ोतरी है जिससे न्यूनतम और अधिकतम वेतन में अंतर बढ़ेगा.
केंद्रीय सरकारी कर्मचारी कन्फेडरेशन ने सरकार की ओर से घोषित वेतन बढोतरी को बुधवार को खारिज कर दिया और अगले सप्ताह हडताल पर जाने की चेतावनी दी जिसे केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का भी समर्थन मिला. कन्फेडरेशन ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर कैबिनेट द्वारा मंजूर वेतन वृद्धि ‘‘स्वीकार नहीं.’ आरएसएस सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) और अन्य ट्रेड यूनियनों ने भी बढोतरी को खारिज किया और कहा कि पिछले 17 वर्षों में यह न्यूनतम बढोतरी है जिससे न्यूनतम और अधिकतम वेतन में अंतर बढेगा.
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने भी सरकारी कर्मचारियों का पक्ष लिया है और वेतन बढोतरी के खिलाफ एक देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया है. कन्फेडरेशन आफ सेंट्रल गवर्नमेंट इम्प्लाइज एंड वर्कर्स, तमिलनाडु के महासचिव एम दुरईपांडियन ने कहा, ‘‘वर्तमान आर्थिक स्थितियों में वेतन आयोग के अनुसार वर्तमान बढोतरी अपर्याप्त है. यह हमें स्वीकार्य नहीं है.’ उन्होंने कहा कि यदि सरकार ने बढोतरी की समीक्षा करने की उसकी मांग पर ध्यान नहीं दिया तो कन्फेडरेशन अनिश्चित कालीन हडताल 11 जुलाई की बजाय चार जुलाई से करने के लिए बाध्य होगा.
इससे पहले दिन में उसके सदस्यों ने चेन्नई स्थित राजाजी भवन पर एक प्रदर्शन किया जहां राज्य सरकार के कई कार्यालय स्थित हैं. आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सचिव डी एल सचदेव ने कहा, ‘‘पिछले 17 वर्षों में होने वाली यह सबसे कम बढोतरी है. केंद्रीय ट्रेड यूनियन केंद्र सरकार कर्मचारियों की ओर से आहूत हडताल का समर्थन करेंगी.’ वहीं बीएमएस ने कहा कि वह निर्णय के खिलाफ आठ जुलाई को देशव्यापी प्रदर्शन आयोजित करेगा. उसने कहा कि सरकार ने कर्मचारियों को ‘‘निराश’ किया है कि इससे एक औद्योगिक असंतोष हो सकता है.
बीएमएस महासचिव बृजेश उपाध्याय ने कहा, ‘‘फार्मूला सरकार की ओर से मंजूर 2.57 की बजाय 3.42 होना चाहिए. इसी तरह से वार्षिक वृद्धि तीन प्रतिशत की बजाय पांच प्रतिशत होनी चाहिए. न्यूनतम और अधिकतम वेतन के बीच अंतर भी बढा दिया गया है.’ उन्होंने एक बयान में कहा कि संघ आठ जुलाई को सभी जिलों में प्रदर्शन आयोजित करेगा और अगस्त में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी में हडताल पर जाने के विकल्प पर चर्चा करेगा. बीएमएस ने साथ ही निजी क्षेत्रों सहित सभी श्रमिकों को 18 हजार रूपये प्रति महीने का एकसमान वेतन की भी मांग की.