इंटरनेट डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल यूएस कांग्रेस के संयुक्त सत्र को संबोधित किया.ऐसा करने वाले वो देश के पांचवे प्रधानमंत्री बन गये. प्रधानमंत्री का भाषण शानदार रहा, पूरी स्पीच के दौरान कई बार अमेरिकी सांसदों ने तालियां बजाकर उनका स्वागत किया, यहीं नहीं इस स्पीच को स्टैंडिग ओवेशन भी मिला.
नरेंद्र मोदी अपने कार्यकाल के दौरान अबतक राष्ट्रपति बराक ओबामा से सात बार मिले. यह उनकी चौथी अमेरिकी यात्रा थी. मात्र दो साल के कार्यकाल में अमेरिका का चार बार दौरा करना नरेंद्र मोदी के अमेरिका प्रेम को दिखाता है, जिसका जिक्र उन्होंने कल अपने भाषण के दौरान भी किया. उन्होंने कहा कि अमेरिका भारत का अपरिहार्य मित्र है.
ज्ञात हो कि यह वहीं अमेरिका कांग्रेस है जिसने साल 2005 में नरेंद्र मोदी को वीजा देने से इंकार कर दिया था. वक्त बदल गया और परिस्थितियां अब नरेंद्र मोदी के पक्ष में हैं. मोदीअंतरराष्ट्रीयजगत में एक ताकतवर नेता के रूप में उभर चुके हैं. बतौर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सबसे टेक्नोफ्रेंडली पीएम माने जाते हैं. तकनीक व विज्ञान में अलग जगह रखने वाला देश अमेरिका से उनका प्रेम कोई नया नहीं है. आरएसएस प्रचारक के रूप में मोदी और मुरली मनोहर जोशी स्वामी विवेकानंद की 100वीं जन्मजयंती अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने शिकागो पहुंचे थे.
मीडिया में आयी खबरों के मुताबिक उस दौरान नरेंद्र मोदी अमेरिका के लगभग सभी राज्यों का दौरा किया था. कल उन्होंने अपने भाषण में भी इस बात का जिक्र किया. अमेरिकी कांग्रेस में संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि आपके इस महान देश के बारे में मेरी समझ सार्वजनिक जीवन में आने से काफी पहले ही विकसित हो गयी थी. पदभार ग्रहण करने से बहुत पहले ही मैं, तट से तट होते हुए 25 से अधिक अमेरिकी राज्य घूम चूका हूँ. तब मुझे अहसास हुआ की अमेरिका की असली ताकत इसके लोगों के सपनो में और उनकी आकांक्षाओं में है"
अमेरिका में 1990 में मोदी ने व्हाइट हाउस के बाहर खड़े होकर तसवीरेंखिंचवायी थी, अब वही मोदी व्हाइट हाउस के बेहद खास मेहमान बन कर वहां पहुंचे.हालांकि नरेंद्र मोदी अपनेअंतरराष्ट्रीयछवि चमकाने की शुरुआत बहुत पहले ही कर दी थी." वाइब्रेंट गुजरात समिट " इसी का हिस्सा था.