नयी दिल्ली : राष्ट्रीय जांच एजेंसी :एनआइए: ने पाकिस्तान भेजने के लिए चार अनुरोध पत्र (एलआर) तैयार किए हैं, जिनमें जैश-ए-मोहम्मद के उन चार आतंकवादियों के पते शामिल हैं जिन्होंने इसी साल जनवरी में पठानकोट स्थित भारतीय वायुसेना के अड्डे पर हमला किया था.

नए अनुरोध पत्रों को ऐसे समय में भेजा जा रहा है जब पाकिस्तानी पक्ष की ओर से ऐसे संकेत मिले हैं कि अभी वह भारतीय जांच अधिकारियों को अगवानी करने के लिए तैयार नहीं है, जो पठानकोट हमले की जांच को आगे बढाने के लिए यहां आना चाहते हैं.

बीते दो जनवरी को हुए हमले में सात सुरक्षाकर्मी मारे गए थे. करीब 80 घंटे चले अभियान में चारों हमलावरों को भी मार गिराया गया था.

एनआइए ने चारों आतंकवादियों की तस्वीरें अपनी वेबसाइट पर पोस्ट की थीं और लोगों से उनकी पहचान करने की अपील की थी.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जांच एजेंसी के पास इमेल की बाढ़ आ गयी और कुछ इमेल तो पाकिस्तान से आए जिनमें इन आतंकवादियों के बारे में सूचना दी गयी थी.

पाकिस्तान के संयुक्त जांच दल (जेआइटी) के साथ बातचीत के दौरान एनआइए ने उन आतंकवादियों के आवास स्थल के बारे में ब्यौरा मांगा था, जिनके नाम भारत की यात्रा पर आए इस जेआइटी के साथ साझा किए गए. भारत के आग्रह पर पाकिस्तान की ओर से कोई जवाब नहीं आया.

इस पांच सदस्यीय जेआइटी ने 27 मार्च से एक अप्रैल के बीच भारत का दौरा किया था और वह पठानकोट वायुसेना अड्डे पर भीगयी और 16 गवाहों के बयान रिकॉर्ड किए. इस जेआइटी में आइएसआइ का एक अधिकारी भी शामिल था.

इमेल के जरिए मिली सूचना का सत्यापन किए जाने के दौरान एनआइए ने यहां की जेलों में बंद जैश-ए-मोहम्मद के कुछ आतंकवादियों के तस्वीरें और पते दिखाए तथा उनके बारे में जानकारी हासिल की.

नासिर हुसैन नामक एक आतंकी पाकिस्तानी पंजाब प्रांत के मुल्तान से करीब 100 किलोमीटर दूर कस्बे वेहारी का रहने वाला था. उसके पिता का नाम मोहम्मद मंसा है और उसका पता ‘मकान नंबर-89, मोहल्ला चक’ है.

हुसैन ने वायुसेना अड्डे पर आत्मघाती हमला करने से कुछ मिनट पहले अपनी मां खय्याम को फोन किया था.

हमला करने वाला दूसरा आतंकवादी हाफिज अबू बकर के पिता का नाम मोहम्मद फाजिल है और वह पाकिस्तान के गुजरांवाला का निवासी है.

तीसरे आतंकी उमर फारुक के पिता का नाम अब्दुल समद है और सिंध प्रात के शहदादपुर के मोहल्ला मदीसाह में मदीना रोड का निवासी था. चौथा आतंकवादी अब्दुल कयूम सिंध प्रांत के सुक्कूर जिले में तहसील पानो आकिल के चाचर इलाके का रहने वाला था और उसके पिता का नाम मोहम्मद आमिन है.

भारत ने पहले ही अनुरोध पत्र भेजा था जिसमें जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर, उसके भाई अब्दुल रउफ और हुसैन की मां के आवाज के नमूने मांगे गए थे.

इस बीच, एनआइए प्रमुख शरद कुमार ने आज कहा कि इस्लामाबाद से मंजूरी मिलने के साथ ही उनकी टीम पाकिस्तान का दौरा करने के लिए तैयार है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने जेआइटी की ओर से मांगे गए सभी दस्तावेज सौंप दिए हैं और मेरा मानना है कि पाकिस्तान को सौंपा गया सबूत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किसी भी अदालत में टिक सकता है.’ जेआइटी के पाकिस्तान लौटने के साथ ही पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने एनआइए के पाकिस्तान जाने के भारत की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए कहा था कि पठानकोट आतंकी हमले की जांच आदान-प्रदान की व्यवस्था पर आधारित नहीं है.