नयी दिल्ली : शराब व्यवसायी विजय माल्या मुंबई में ईडी जांचकर्ताओं के समक्ष कल उपस्थित नहीं होंगे. उन्होंने एजेंसी के समक्ष बयान देने के लिये मई तक का समय मांगा है. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) 900 करोड रुपये के आईडीबीआई ऋण धोखाधडी मामले में मनी लांड्रिंग में उनकी भूमिका की जांच कर रहा है. अधिकारियों के […]
नयी दिल्ली : शराब व्यवसायी विजय माल्या मुंबई में ईडी जांचकर्ताओं के समक्ष कल उपस्थित नहीं होंगे. उन्होंने एजेंसी के समक्ष बयान देने के लिये मई तक का समय मांगा है. ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) 900 करोड रुपये के आईडीबीआई ऋण धोखाधडी मामले में मनी लांड्रिंग में उनकी भूमिका की जांच कर रहा है. अधिकारियों के अनुसार ईडी के मुंबई क्षेत्रीय कार्यालय में मामले की जांच कर रहे अधिकारी को माल्या ने सूचित किया है कि वह निर्धारित दो अप्रैल की तारीख को पेश होने में असमर्थ हैं और उन्हें मई में कोई नई तिथि दें.
ऐसा समझा जाता है कि माल्या ने जांच अधिकारी को सूचित किया है कि बैंक कर्ज से संबंधित मामला फिलहाल उच्चतम न्यायालय में है और वह इस कर्ज को अपने कानूनी तथा कारपोरेट टीम की मदद से निपटान की कोशिश कर रहे हैं और इसीलिए उन्हें कुछ और समय चाहिए.ऐसा माना जा रहा है कि ईडी आगे की कार्रवाई के विकल्प पर विचार कर रहा है. जांच एजेंसी पीएमएलए (मनी लांड्रिंग निरोधक कानून) मामले की गंभीरता को देखते हुए उनके अनुरोध को स्वीकार करने को लेकर गंभीर नहीं है.अधिकारियों के अनुसार जांच अधिकारी ने अबतक माल्या को अपने निर्णय के बारे में नहीं बताया है
माल्या के बेटे सिद्धार्थ यूबीएचएल के निदेशक पद से हटे
विजय माल्या की अगुवाई वाली यूनाइटेड ब्रेवरीज (होल्डिंग्स) लि. ने आज कहा कि उसके गैर-कार्यकारी, गैर-स्वतंत्र निदेशक सिद्धार्थ वी माल्या ने 31 मार्च को निदेशक कार्यालय खाली कर दिया. कुछ दिन पहले माल्या ने ट्विटर के जरिये अपने बेटे सिद्धार्थ को निशाना नहीं बनाने की लोगों से अपील की थी.माल्या और उनकी बंद पडी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस बैंकों के समूह से लिये गये 9,000 करोड रुपये के कर्ज की वसूली को लेकर विभिन्न प्रकार की कार्रवाई का सामना कर रहे हैं.
ऐसा समझा जाता है कि इस समय माल्या ब्रिटेन में हैं. यूबीएचएल ने बंबई शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, ‘‘कंपनी कानून, 2013 की धारा 167 :बी: के प्रावधानों के संदर्भ में कंपनी गैर-कार्यकारी, गैर-स्वतंत्र निदेशक सिद्धार्थ वी माल्या ने 31 मार्च 2015 से निदेशक कार्यालय खाली कर दिया है.’