नयी दिल्ली: वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका इन दिनों अपने पद को लेकर काफी दुखी हैं. उन्होंने अपने दुख का इजहार ट्विटर के माध्‍यम से किया. बुधवार को उन्होंने अपने ट्विटर वॉल पर लिखा कि उनके लिए छोटे दरजे के पद (लो रैंक पोस्ट) पर रहना ‘अपमानजनक’ है.


खेमका का ट्वीट

फिलहाल हरियाणा सरकार के प्रधान सचिव के पद पर बैठे खेमका ने ट्वीट करके कहा कि पदोन्नति की प्रतीक्षा तीन महीने से कर रहा हूं. छोटे पद पर रहना मेरे लिए अपमानजनक है. उन्होंने लिखा कि यह ऐसे ही है जैसे किसी लेफ्टिनेंट जनरल को ब्रिगेडियर का पद संभालने के लिए बाध्य किया जाए.

क्या है मामला

वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अशोक खेमका वही शख्‍स हैं जिन्होंने 2012 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वड्रा और रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ के बीच हुए 58 करोड़ रुपये कीमत की जमीन सौदे के दाखिलखारिज को रद्द कर दिया था साथ ही विवादास्पद जमीन घोटाले की जांच के आदेश भी दिए थे. अपने इस कार्य से उन्होंने उस वक्त खूब सुर्खियां बटोरी थीं.

मोदी का खींचा था ध्‍यान

राबर्ट वड्रा को कटघरे में लाकर इस वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी ध्यान अपनी ओर खींचा था और हरियाणा विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने भाषणों में इसका उल्लेख भी किया था. हरियाणा में भाजपा की सरकार बनने के बाद खेमका महत्वपूर्ण पदभार की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन उन्हें परिवहन विभाग में पदस्थापित कर दिया गया.