उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू, कांग्रेस ने लोकतंत्र की हत्या करार दिया
नयी दिल्ली : उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. इसके साथ ही तमाम अटकलों पर विराम लग गया है. आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केंद्र सरकार की ओर से भेजे गये अनुसंशा पत्र पर हस्ताक्षर कर दिये हैं. इस बीच विधानसभा को भंग नहीं किया गया है, बल्कि निलंबित कर दिया गया है. […]
![an image](https://pkwp184.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/01/2016_3largeimg227_Mar_2016_210735037.jpeg)
नयी दिल्ली : उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है. इसके साथ ही तमाम अटकलों पर विराम लग गया है. आज राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने केंद्र सरकार की ओर से भेजे गये अनुसंशा पत्र पर हस्ताक्षर कर दिये हैं. इस बीच विधानसभा को भंग नहीं किया गया है, बल्कि निलंबित कर दिया गया है. कांग्रेस ने इसे उत्तराखंड में लोकतंत्र पर हत्या करार दिया है. जबकि भाजपा सरकार बनाने के लिए तैयार है. भाजपा के कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि हमारे पास 36 विधायक हैं. उत्तराखंड में 70 विधानसभा सदस्य हैं.
उधरउत्तराखंड के स्पीकर गोविंद कुंजल ने कहा कि आज मैंने दलबदल विरोधी कानून के तहत सभी 9 बागी विधायकों को विधानसभा हेतु अयोग्य घोषित करने का निर्णय लिया.राष्ट्रपति शासन की कोई अधिकारिक जानकारी नहीं मिली है.आज ही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि भारतीय जनता पार्टी उन्हें धमकी दे रही है. उन्होंने कहा था कि भाजपा राष्ट्रपति शासन लगाने की धमकी दे रहा है. उत्तराखंड में भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या करने का दो प्रयास किया है. पहला प्रयास कांग्रेस के विधायकों को तोड़ने का और दूसरा काम राष्ट्रपति शासन की धमकी का. उत्तराखंड में सरकार की कार्यकाल अभी एक साल बची हुई है.
कयास लगाये जा रहे हैं कि यहां एक साल राष्ट्रपति शासन ही रहेगा. लेकिन विधानसभा भंग नहीं किया गया है. ऐसे में राज्यपाल किसी भी दल को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं. भाजपा का दावा है कि सरकार बनाने के लिए उनके पास पर्याप्त आंकड़ा है. उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के राज्यपाल केके पॉल ने केंद्र को जो रिपोर्ट भेजी थी उसमें कहा गया था कि उत्तराखंड में सरकार गठन के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त की प्रबल संभावना है. ऐसे में यहां का राजनीतिक माहौल सरकार गठन के लिए उपयुक्त नहीं है.
इस रिपोर्ट के आधार पर केंद्र ने अपना रिपोर्ट बनाया और राष्ट्रपति शासन की सिफारिश राष्ट्रपति के पास भेज दी. यह सब शनिवार देर रात की घटना है. वहीं आज रविवार को राष्ट्रपति ने केंद्र की सिफारिश पर हस्ताक्षर कर दिये हैं.