जम्मू : पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने जम्मू-कश्‍मीर में फिर एक बार भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाने के संकेत दिए हैं. उन्होंने एक सभा में कहा कि मैं जिद्दी नहीं हूं अगर राज्य हित में होगा तो सरकार का गठन किया जाएगा. मुफ्ती साहब ने जिस मकसद के लिए बड़ा फैसला किया, अगर मकसद पूरा नहीं हुआ तो कोई दिक्कत नहीं कि लोग भाजपा के साथ जाने पर क्या कहेंगे. भाजपा के साथ सरकार बनाने को लेकर आगे बढने के संकेत दिते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें इसको लेकर होने वाली आलोचनाओं का ‘‘भय नहीं’ है लेकिन चाहती हैं कि केंद्र एक ‘‘संकेत’ दे कि वह जम्मू कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए ‘‘सब कुछ’ करेगा.


राज्यपाल से मुलाकात

शुक्रवार को महबूबा ने राज्यपाल एन एन वोहरा से एक घंटे तक मुलाकात की और ‘‘राजनीतिक मुद्दों’ एवं राज्य की ‘‘विभिन्न चुनौतियों’ पर चर्चा की जहां गत आठ जनवरी से राज्यपाल शासन लगा हुआ है. उन्होंने वोहरा से मुलाकात करने से पहले अपने दिवंगत पिता मुफ्ती मोहम्मद सईद को याद करते हुए कहा कि उन्होंने ‘‘भाजपा के साथ एक पार्टी के तौर पर हाथ नहीं मिलाया था बल्कि वह गठबंधन केंद्र सरकार और जम्मू कश्मीर के लोगों के बीच था’ जिसका उद्देश्य राज्य के लोगों की भलाई था.’

मैं हठी महिला नहीं

महबूबा ने अपनी पार्टी के सदस्यता अभियान की यहां शुरुआत करते हुए कहा कि हमारे लिए मेरे पिता द्वारा किये गये निर्णय यदि उससे उद्देश्य और उस आकांक्षा की पूर्ति होती है तो मुझे इस बात की परवाह नहीं कि लोग मुझ पर भाजपा के साथ आगे बढने का आरोप लगाते हैं, चाहे उन्हें अच्छा लगे या बुरा. यदि लोगों को लाभ होता है तो कोई बात नहीं.’ उन्होंने कहा, ‘‘जब लोगों के हित का सवाल आया, मेरे पिता ने पार्टी की कभी परवाह नहीं की. वह सब कुछ से उपर उठे और लोगों के कल्याण के लिए भाजपा के साथ हाथ मिलाया.’ महबूबा ने कहा कि वह कोई ‘‘हठी’ महिला नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के नेता सरकार गठन चाहते हैं लेकिन वह ऐसा तभी करेंगी जब उन्हें महसूस होगा कि वृहद उद्देश्य की पूर्ति हो गई। यदि भाजपा के साथ गठबंधन का उद्देश्य पूरा होता है, तो उन्हें सरकार बनाने में कोई आपत्ति नहीं है.’

उद्देश्‍य जम्मू-कश्मीर के लोगों का कल्याण :महबूबा

महबूबा ने कहा कि यदि केंद्र सरकार की ओर से ऐसे संकेत मिलते हैं कि जम्मू-कश्मीर के लोगों के कल्याण के लिए सब कुछ करेंगे तो उन्हें सरकार बनाने को लेकर किसी की परवाह नहीं होगी. ये एक ऐसा बडा देश है, उसका खजाना कभी खाली नहीं होगा.’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि मुझे कभी भी यह महसूस होगा कि उनके (केंद्र) हृदय में जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए जगह और एक रुपरेखा जो हमने बनायी है, वे उसमें रंग भरने को तैयार हैं तो मुझे इस राज्य की मुख्यमंत्री बनने में कोई हिचकिचाहट नहीं होगी बल्कि वह एक सम्मान की बात होगी.’ 87 सदस्यीय जम्मू कश्मीर विधानसभा में महबूबा की पार्टी पीडीपी के 27 विधायक हैं. उन्होंने कहा, ‘‘यदि वादे पूरे नहीं होते हैं तो सरकार गठन का मतलब यह होगा कि चुनाव से पांच वर्ष के लिए दूर रहेंगे, तब वह (मुख्यमंत्री बनने को) तैयार नहीं.’ उन्होंने कहा, ‘‘यदि मुझे लगेगा कि ये केवल खोखले वादे हैं और उससे कुछ भी नहीं निकलेगा और यह कि हमारे विधायक मंत्री बनेंगे और हमें चार-पांच वर्षों तक चुनावों का सामना नहीं करना होगा, तो मैं (सरकार बनाने को) तैयार नहीं.’ महबूबा ने इसके साथ ही पाकिस्तान के प्रति शांति प्रयास करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की जिसमें उनकी लाहौर यात्री भी शामिल है. पीडीपी ने भाजपा के 25 सदस्यों के साथ मिलकर मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व में 10 महीने तक गठबंधन सरकार चलायी थी. सईद का सात जनवरी को अचानक निधन हो गया.