प्रोफेसर एसएआर गिलानी को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया

नयी दिल्ली : दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व लेक्चरर एसएआर गिलानी को पुलिस ने आज सुबह गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें आज दोपहर बादपटियाला हाउस कोर्ट मेंकिया गया,जिसके बाद अदालत ने उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने बीती रात ही उन्हें हिरासत में ले लिया था. दिल्ली […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 16, 2016 9:26 AM

नयी दिल्ली : दिल्ली यूनिवर्सिटी के पूर्व लेक्चरर एसएआर गिलानी को पुलिस ने आज सुबह गिरफ्तार कर लिया है. उन्हें आज दोपहर बादपटियाला हाउस कोर्ट मेंकिया गया,जिसके बाद अदालत ने उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया.आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस ने बीती रात ही उन्हें हिरासत में ले लिया था.

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व लेक्चरर एसएआर गिलानी को यहां आयोजित उस समारोह के संबंध में देशद्रोह और अन्य आरोपों के तहत गिरफ्तार किया गया है जिसमें भारत विरोधी नारे लगाए गए थे. पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) जतिन नरवाल ने कहा, ‘‘ गिलानी को देर रात करीब तीन बजे भारतीय दंड संहिता की धाराओं 124 ए (देशद्रोह:, 120 बी) आपराधिक षडयंत्र: और 149 (गैरकानूनी रुप से एकत्र होना) के तहत संसद मार्ग पुलिस थाने में गिरफ्तार किया गया.’ उन्होंने बताया कि गिलानी को कल रात पुलिस थाने बुलाया गया था जहां उन्हें हिरासत में लिया गया और उनके कई घंटों तक पूछताछ की गई. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें गिरफ्तार किए जाने के बाद चिकित्सीय जांच के लिए आरएमएल अस्पताल ले जाया गया.

गिलानी को ऐसे समय पर गिरफ्तार किया गया है जब जेएनयू छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप गिरफ्तार किए जाने को लेकर विवाद छिडा हुआ है. कुमार को संसद पर हमला करने के दोषी अफजल गुरु को फांसी की सजा दिए जाने के विरोध में नौ फरवरी को आयोजित समारोह के संबंध में गिरफ्तार किया गया है.

प्रेस क्लब में 10 फरवरी को आयोजित एक समारोह में एक समूह ने कथित रुप से अफजल गुरु के समर्थन में नारे लगाए थे। इस दौरान गिलानी और तीन अन्य वक्ता भी मंच पर मौजूद थे. पुलिस ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए गिलानी और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला 12 फरवरी को मामला दर्ज किया था. पुलिस ने दावा किया कि गिलानी के खिलाफ इसलिए मामला दर्ज किया गया क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि वह समारोह के ‘‘मुख्य आयोजक’ थे.

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा था, ‘‘गिलानी के ईमेल के जरिए प्रेस क्लब का सभागार बुक कराने का अनुरोध भेजा गया था और इस समारोह की प्रकृति एक सार्वजनिक सभा वाली होनी थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।’ प्राथमिकी दर्ज कराए जाने के बाद पुलिस ने प्रेस क्लब के सदस्य और डीयू के प्रोसेफर अली जावेद से लगातार दो दिन पूछताछ की। जावेद की सदस्यता संख्या के तहत की समारोह के लिए सभागार बुक किया गया था.

दिल्ली पुलिस ने संसद हमला मामले के संबंध में गिलानी को वर्ष 2001 में गिरफ्तार किया था लेकिन दिल्ली उच्च न्यायालय ने अक्तूबर 2003 में उन्हें ‘‘सबूतों के अभाव’ में बरी कर दिया था. इस निर्णय को उच्चतम न्यायालय ने अगस्त 2005 में बरकरार रखा था जिसने उस समय यह भी कहा था कि संदेह की सुई उनकी ओर इशारा करती है.

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