नयी दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में भारत विरोधी नारे लगाए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. जेएनयू छात्रसंघ अध्‍यक्ष की गिरफ्तारी का विरोध कर रहे कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी पर भाजपा ने जोरदार प्रहार किया है. भाजपा नेता और संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि अगर राहुल गांधी को अलगाववादियों से इतना ही प्यार है तो अपने एआइसीसी के कार्यालय मेंअलगाववादियोंऔर आतंकवादियों की प्रतिमा लगवा लें और प्रतिदिन जाकर उसपर फूल चढायें और नतमस्तक हों. उन्होंने कहा कि बांटने वाली मानसिकता को देश बर्दास्त नहीं करेगा. वहीं मामले में सबूतों की सत्यता स्थापित करने के लिए जांच बिठाने की नेताओं के प्रतिनिधिमंडल की मांग स्वीकार करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को दंडाधिकारी से जांच कराने के आदेश दिए.

आर्थिक सुधार एवं लोक कल्याण से जुडे महत्वपूर्ण विधेयकों के संसद में लंबित होने के बीच संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उम्मीद जतायी है कि विकास के कार्यो पर सियासत का साया नहीं पडेगा और राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए सभी दल इन्हें पारित कराने में पूरा सहयोग करेंगे. नकवी ने कहा, ‘‘ हमारे सामने सियासत करने के लिए बहुत सारे मुद्दे हैं और इसके लिए पूरा देश पडा है लेकिन राष्ट्रहित और लोक कल्याण के विषयों पर सियासत का साया नहीं पडना चाहिए. हमें पूरी उम्मीद है कि लंबित विधेयक को पारित कराने में विपक्ष सरकार का पूरा सहयोग करेगा.’ 23 फरवरी से शुरू हो रहे संसद के बजट सत्र के दौरान सरकार का जोर महत्वपूर्ण जीएसटी विधेयक को पारित कराने पर होगा.

इसे आधिकारिक रुप से संविधान के 122वें संशोधन विधेयक के रुप में जाना जाता है. इस विधेयक को लोकसभा पारित कर चुकी है. सरकार की योजना इस साल अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर :जीएसटी: को लागू करने की है. जीएसटी को लेकर कुछ समय पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ बैठक हुई और संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू भी सोनिया गांधी के आवास पर जाकर उनसे मिल चुके हैं. लेकिन गतिरोध बना हुआ है. नकवी ने कहा, ‘‘ विकास को रोककर राजनीति करने से किसी का लाभ नहीं होगा. सभी दलों से अनुरोध है कि जो भी विषय हो, उस पर चर्चा करें और उन्हें परित कराने में सहयोग करें. ‘ बहरहाल, हैदराबाद विश्वविद्यालय में एक दलित शोधार्थी की आत्महत्या, गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल की पुत्री से जुडे भूमि विवाद समेत कई अन्य मुद्दों को लेकर संसद के बजट सत्र के काफी हंगामेदार रहने की अटकलें हैं. संसद के पिछले दो सत्रों के दौरान विभिन्न विषयों पर विपक्ष, खासकर कांग्रेस के सदन में हंगामेदार विरोध के कारण कोई खास कामकाज नहीं हो सका था.

पठानकोट आतंकी हमला विषय पर विपक्ष की आलोचना और संसद में विपक्ष द्वारा इस विषय के उठाये जाने की बात पर नकवी ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार की आतंकवाद के खिलाफ ‘‘जीरो टॉलरेंस ‘ की नीति है और विपक्ष, खासकर कांग्रेस को राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडे मुद्दों पर ‘हवा-हवाई’ बातें करना छोडकर गंभीरता का प्रदर्शन करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘ भारत के खिलाफ किसी भी आतंकी गतिविधि को बिलकुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आतंकवाद और कट्टरवाद मानवता के सबसे बडे दुश्मन हैं और इस समस्या को खत्म करने के प्रयास में संपूर्ण विश्व को एकजुट होना होगा। प्रधानमंत्री ने भी इस स्थिति को पाकिस्तान समेत सभी के समक्ष स्पष्ट कर दिया है.’ आतंकवाद के खिलाफ केंद्र के सख्त रुख का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यदि कोई भी शैतानी ताकत भारत की सुरक्षा, समृद्धि, और स्वाभिमान को नुक्सान पहुंचाने की कोशिश करेगी तो उसे ध्वस्त करने में हमारा देश पूरी तरह से सक्षम है.

आगामी बजट में अपनी सरकार की प्राथमिकताओं का जिक्र करते हुए नकवी ने कहा कि मोदी सरकार की देश के गरीबों-किसानों-युवाओं के सशक्तिकरण की कोशिशें जमीनी हकीकत बन रही हैं. संसदीय कार्य राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देश पर सरकार के मंत्री देश के लोगों से सीधा सम्पर्क साध रहे हैं, उनकी बात सुन रहे है, राय ले रहे हैं और आने वाले बजट में इन सभी बातों को इसमें आत्मसात किया जायेगा.