‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में मंगलवारकीशाम संसद हमले में शामिल आतंकी अफजल गुरुएवं जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक मकबूल भट की याद में सांस्कृतिक संध्या के आयोजन को लेकर जमकर हंगामा हुआ.
दरअसल, वामपंथी छात्रों के समूह ने अफजल गुरू और मकबूल भट की याद में एक कार्यक्रम का आयोजन कियाथा. इस आयोजन के बाद यहां हालात इतने बिगड़ गये कि प्रशासन को पुलिस बुलाने की नौबत आ गयी. विवाद की वजह यह रही कि इस कार्यक्रम को अफजल गुरु को शहीद का दर्जा दिया गया. जिसका एबीवीपी के छात्रों ने भारी विरोध किया.
बताया जा रहा है कि साबरमती लॉन में आयोजित इस कार्यक्रम को पहले इजाजत मिल गयी थी लेकिन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के विरोध के चलते इस मंजूरी को रद्द कर दिया गया. आयोजकों का कहना है कि ये किसी भी तरह से उचित नहीं है कि प्रशासन किसी एक संगठन के दबाव में काम करे. आयोजकों का कहना था कि वह कार्यक्रम अफजल गुरु के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं था. इसका उद्देश्य यह बताना था कि हमारा न्यायिक ढांचा कैसे काम करता है.
गौर हो कि अफजल गुरू को 9 फरवरी 2013 को फांसी दी गयी थी. वहीं मकबूल भट को 11 फरवरी 1984 को फांसी दी गयी थी. कार्यक्रम होने से नाराज एबीवीपी ने बुधवार को जेएनयू कैंपस में बंध का आह्वान किया है. इस मसले पर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर वीसी एम जगदीश कुमार ने कहा कि यह मेरी जिम्मेदारी है कि कैंपस में शांति बनी रहे.