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रामचंद्र गुहा, अरविंद सुब्रमण्यम को नहीं मिली सेंट स्टीफंस कॉलेज में प्रवेश की अनुमति

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नयी दिल्ली: सेंट स्टीफंस कॉलेज के छात्र रह चुके जानेमाने इतिहासकार रामचंद्र गुहा और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम सहित कई पूर्व छात्रों को कल कॉलेज परिसर में प्रवेश करने नहीं दिया गया. गुहा, सुब्रमण्यम सहित अन्य पूर्व छात्र कॉलेज परिसर में एक लोकप्रिय ढाबा चलाने वाले रोहतास नाम के एक शख्स की शोक सभा […]

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नयी दिल्ली: सेंट स्टीफंस कॉलेज के छात्र रह चुके जानेमाने इतिहासकार रामचंद्र गुहा और मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम सहित कई पूर्व छात्रों को कल कॉलेज परिसर में प्रवेश करने नहीं दिया गया. गुहा, सुब्रमण्यम सहित अन्य पूर्व छात्र कॉलेज परिसर में एक लोकप्रिय ढाबा चलाने वाले रोहतास नाम के एक शख्स की शोक सभा में शामिल होने के मकसद से कॉलेज में दाखिल होना चाह रहे थे.

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बताया गया कि शोक सभा के लिए पहले अनुमति नहीं लेने के कारण इन पूर्व छात्रों को कॉलेज परिसर में नहीं जाने दिया गया. कॉलेज के प्रधानाचार्य वॉल्सन थंपू ने कहा कि कॉलेज कोई ‘‘सार्वजनिक उद्यान” नहीं है कि कोई प्रोटोकॉल का पालन किए बगैर वहां घुस आए. 65 साल के रोहतास अपने समोसे और गुलाब जामुनों के लिए स्टीफंस के पूर्व छात्रों में काफी मशहूर थे. टीबी और न्यूमोनिया के कारण पिछले हफ्ते उनकी मृत्यु हो गई.

कॉलेज के करीब 100 पूर्व छात्र शनिवार को रोहतास की शोक सभा के लिए कॉलेज परिसर के बाहर इकट्ठा हुए थे, लेकिन गार्डों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. रोहतास को श्रद्धांजलि अर्पित करने के मकसद से गए सेंट स्टीफंस कॉलेज अलमनाइ फाउंडेशन ट्रस्ट के पूर्व ट्रस्टी रोहित बंसल ने कहा कि उन्हें प्रार्थना के लिए अंदर नहीं जाने दिया गया और कहा गया कि प्रवेश का कोई अन्य कारण बताया जाए.

बंसल ने कहा, ‘‘रामचंद्र गुहा और सुब्रमण्यम सहित हम करीब 100 पूर्व छात्र दोपहर के करीब दो बजे मुख्य द्वार के बाहर इंतजार कर रहे थे, लेकिन हमें अंदर नहीं जाने दिया गया. हमने कुछ शिक्षकों को बुलाया, जिन्होंने हमसे कहा कि हमें अन्य दरवाजों से आना चाहिए और वहां आने का कारण यह नहीं बताना चाहिए कि हम शोक सभा के लिए आए हैं.” बाद में गुहा और सुब्रमण्यम कुछ अन्य पूर्व छात्रों के साथ कॉलेज में दाखिल हो सके लेकिन ज्यादातर को बाहर ही रहना पडा.
इस कदम का बचाव करते हुए थंपू ने कहा, ‘‘यदि वे इस कॉलेज के पूर्व छात्र हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि सुरक्षा कारणों से कुछ प्रोटोकॉल का पालन करना होता है. ऐसा कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति भी नहीं मांगी गई थी, लिहाजा बगैर सूचना के आने वालों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.” उन्होंने कहा, ‘‘कॉलेज परिसर कोई सार्वजनिक उद्यान नहीं हैं जहां कोई संस्थाओं की प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर आ जाए.” पूर्व छात्रों ने 2012 में उस वक्त भी रोहतास का साथ दिया था जब कॉलेज प्रशासन परिसर में चलाए जा रहे कैफेटेरिया को टक्कर दे रहे उनके ढाबे को बंद करने पर विचार कर रहा था.
बंसल ने कहा, ‘‘रामचंद्र गुहा और सुब्रमण्यम सहित हम करीब 100 पूर्व छात्र दोपहर के करीब दो बजे मुख्य द्वार के बाहर इंतजार कर रहे थे, लेकिन हमें अंदर नहीं जाने दिया गया. हमने कुछ शिक्षकों को बुलाया, जिन्होंने हमसे कहा कि हमें अन्य दरवाजों से आना चाहिए और वहां आने का कारण यह नहीं बताना चाहिए कि हम शोक सभा के लिए आए हैं.” बाद में गुहा और सुब्रमण्यम कुछ अन्य पूर्व छात्रों के साथ कॉलेज में दाखिल हो सके लेकिन ज्यादातर को बाहर ही रहना पडा.
इस कदम का बचाव करते हुए थंपू ने कहा, ‘‘यदि वे इस कॉलेज के पूर्व छात्र हैं तो उन्हें पता होना चाहिए कि सुरक्षा कारणों से कुछ प्रोटोकॉल का पालन करना होता है. ऐसा कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति भी नहीं मांगी गई थी, लिहाजा बगैर सूचना के आने वालों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.” उन्होंने कहा, ‘‘कॉलेज परिसर कोई सार्वजनिक उद्यान नहीं हैं जहां कोई संस्थाओं की प्रक्रियाओं का पालन किए बगैर आ जाए.” पूर्व छात्रों ने 2012 में उस वक्त भी रोहतास का साथ दिया था जब कॉलेज प्रशासन परिसर में चलाए जा रहे कैफेटेरिया को टक्कर दे रहे उनके ढाबे को बंद करने पर विचार कर रहा था

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