नयी दिल्‍ली : मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विट कर एमसीडी का चुनाव फिश्र से कराने की मांग की है. केजरीवाल का कहना है कि निगम में जो लोग चुनकर आये हैं वे मनमानी कर रहे हैं और पैसों का हेरफेर कर रहे हैं. उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दिल्‍ली सरकार ने निगम कर्मियों का पूरा बकाया चुका दिया है. भाजपा कुड़ा पर पॉलिटिक्‍स कर रही है. सि‍सोदिया ने कहा कि दिल्‍ली सरकार के पास जितनी देनदारी थी हमने पूरी चुका दी है. सभी कर्मचारियों को 12 महीने की तनख्‍वाह दे दी गयी है.

सिसोदिया ने कहा कि बीजेपी के नेता जवाब दें. पैसा कहां जा रहा है. एमसीडी वाले पूरा पैसा खा गये. वेतन के बहाने राजनीति की जा रही है. भाजपा के जो लोग एमसीडी में चुनकर आये हैं वे नगर निगम को नहीं चला पा रहे हैं. मेयर और भाजपा के नेता जानबूझकर राजनीति कर रहे हैं. मेयर और एमसीडी के नेता नगर निगम कर्मचारियों को पैसा देने में नाकाम हैं, दिल्‍ली की सफाई में नाकाम है निगम को भंग कर देना चाहिए. दुबारा नगर निगम का चुनाव कराया जाए.

एमसीडी कर्मचारियों ने सिसोदिया के घर के बाहर फेंका कचरा

बुधवार को दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर जोरदार प्रदर्शन के बाद आज एमसीडी कर्मचारियों ने उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास के बाहर प्रदर्शन किया. नगर निगम के कई सफाई कर्मचारियों ने प्रदर्शन करते हुए उनके वेतन के लिए ‘तत्काल’ राशि जारी करने की मांग की. कर्मचारियों ने सिसोदिया के आवास के बाहर कचरा भी फैलाया. उन्होंने अपनी मांगों को पूरा नहीं करने पर ‘अनिश्चिकाल’ के लिए काम को बंद रखने की धमकी भी दी. मजदूर विकास समयुक्ता मोर्चा के अध्यक्ष संजय गहलोत ने बताया, ‘कर्मचारियों को दो-तीन महीनों से उनका वेतन नहीं मिला है.

बार-बार आग्रहों के बावजूद हमारी मांगें नहीं सुनी गयी.’ उन्होंने कहा, ‘ऐसे में, हम लोग यहां पर प्रदर्शन कर रहे हैं. अगर हमारी मांग नहीं मानी जाती है तो हम अनिश्चितकाल के लिए अपना काम बंद रखेंगे.’ गहलोत ने दावा किया कि तीनों नगर निकायों के कर्मचारी इस हडताल में शामिल हैं. वेतन के अलावा, कर्मचारी बकायों का भुगतान, अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित करने और तीन निगमों के एकीकरण की मांग कर रहे हैं. पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) से जुडे कर्मचारी पिछले साल अक्तूबर में इसी तरह की मांग को लेकर हडताल पर चले गये थे. लेकिन उच्च न्यायालय के आदेश के बाद यह हडताल वापस ले ली गयी थी.