सर्वे : अब भी है ”मोदी लहर” का असर, जनता ने कहा- ”राम मंदिर” बनाने की करनी चाहिए पहल
नयी दिल्ली : भाजपा नीत राजग सरकार के कामकाज को एक रायशुमारी में ‘‘औसत से उपर’ बताया गया. हालांकि मंगलवार को जारी इस रायशुमारी के नतीजों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेटिंग के मामले में अपनी सरकार से आगे हैं. एबीपी न्यूज नील्सन द्वारा कराई गई इस रायशुमारी (ओपिनियन पोल) में 46 फीसदी प्रत्युत्तरदाताओं ने सरकार […]
नयी दिल्ली : भाजपा नीत राजग सरकार के कामकाज को एक रायशुमारी में ‘‘औसत से उपर’ बताया गया. हालांकि मंगलवार को जारी इस रायशुमारी के नतीजों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेटिंग के मामले में अपनी सरकार से आगे हैं. एबीपी न्यूज नील्सन द्वारा कराई गई इस रायशुमारी (ओपिनियन पोल) में 46 फीसदी प्रत्युत्तरदाताओं ने सरकार को बहुत अच्छी या अच्छी बताया लेकिन मोदी को 54 फीसदी लोगों ने ‘‘बहुत अच्छा या अच्छा’ बताते हुए ऊंची रेटिंग दी.
रायशुमारी के अनुसार, अगर कल लोकसभा चुनाव कराए जाते हैं तो राजग को 38 फीसदी वोट मिल सकते हैं जिसका मतलब है कि पार्टी को वर्ष 2014 में मिली 339 सीटों की तुलना में 301 सीटें मिलेंगी. इस रायशुमारी के अनुसार, कांग्रेस नीत संप्रग को 28 फीसदी वोट यानी पिछले चुनाव में मिली 62 सीटों की तुलना में 108 सीटें मिल सकती हैं.
‘‘राष्ट्र का मिजाज’ भांपने के लिए कराए गए इस सर्वेक्षण के अनुसार, 47 फीसदी प्रत्युत्तरदाताओं को लगता है कि मोदी की लोकप्रियता दिन प्रति दिन घट रही है लेकिन 45 फीसदी प्रत्युत्तरदाताओं को ऐसा नहीं लगता.
अच्छे दिन
रायशुमारी की माने तो जनता को लगता है कि पीएम मोदी 20 महीने के कार्यकाल में अच्छे दिन ला सकने में नाकामयाब रही है जबकि 50 फीसदी जनता का कहना है कि अभी अच्छे दिन नहीं आए है. वहीं 42 फीसदी लोगों का मानना है कि अच्छे दिन आ गए हैं. जनता को नहीं लगता कि मोदी सरकार के आने के बाद से उनकी जिंदगी बेहतर हो सकी है. 53 फीसदी जनता ने कहा है कि उनकी जिंदगी में कोई बदलाव नहीं आया है. हालांकि, 30 फीसदी लोगों का कहना था कि उनकी ज़िंदगी पहले से बेहतर हुई है. वहीं 14 फीसदी लोगों की शिकायत थी कि उनकी ज़िंदगी खराब हो गयी है.
पीएम मोदी की चुप्पी
उत्तर प्रदेश के दादरी में बीफ की अफवाह के बाद मोहम्मद अखलाक की हत्या पर मोदी की चुप्पी पर 50 फीसदी जनता ने मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं. उनका मानना है कि मोदी को इस मामले में बयान जारी करना चाहिए था जबकि 27 फीसदी लोगों ने कहा है कि इसकी जरूरत नहीं थी.
काला धन मुद्दा
रायशुमारी के अनुसार काले धन के मुद्दे पर जनता एनडीए के साथ दिख रही है. 43 फीसदी लोगों का कहना है कि मोदी सरकार काले धन के मुद्दे में पर काम कर रही है इसलिए इस मामले में सरकार को नाकाम नहीं कहा जा सकता है. वहीं 41 फीसदी लोगों का माना है कि सरकार काले धन के मुद्दे पर नाकाम रही हैं जबकि16 फीसदी लोगों ने इस मामले में कुछ नहीं कहा.
अरुण जेटली और डीडीसीए विवाद
अरविंद केजरीवाल के द्वारा उठाए गए डीडीसीए घोटाले पर वित्त मंत्री जेटली का नाम आने पर जनता की राय एकमत नहीं है. 30 फीसदी लोगों का कहना है कि जेटली को इस्तीफा दे देना चाहिए तो 40 फीसदी का कहना है नहीं. जीएसटी पर 44 फीसदी जनता ने कहा है कि मोदी सरकार को जीएसटी बिल पास करने से रोका जा रहा है. वहीं 30 फीसदी इस मत से सहमत नहीं दिख रहे हैं.
राम मंदिर
मई 2014 को मोदी सरकार के कमान संभालने के बाद से दक्षिणपंथी समूह अयोध्या के विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण की मांग कर रहे हैं. इस रायशुमारी में 65 फीसदी लोगों की राय है कि मोदी सरकार को राम मंदिर का नि र्माण करवाना चाहिए जबकि 23 फीसदी लोग इसके पक्ष में नहीं हैं.