रिटायरमेंट के एक साल बाद ही नयी नौकरी कर सकते है सरकारी बाबू
नयी दिल्ली: सरकारी अधिकारी अब सेवानिवृत्त होने के एक साल बाद नयी नौकरी कर सकेंगे. पहले यह अवधि दो साल की थी. कार्मिक मंत्रालय ने हाल में नए नियम तैयार किए हैं जिसके बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) तथा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) तथा अन्य अधिकारियों को किसी निजी कंपनी में काम करने के लिए […]
नयी दिल्ली: सरकारी अधिकारी अब सेवानिवृत्त होने के एक साल बाद नयी नौकरी कर सकेंगे. पहले यह अवधि दो साल की थी. कार्मिक मंत्रालय ने हाल में नए नियम तैयार किए हैं जिसके बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) तथा भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) तथा अन्य अधिकारियों को किसी निजी कंपनी में काम करने के लिए अपनी सेवानिवृत्ति के एक साल बाद ही अनुमति लेनी होगी. पहले यह अवधि दो साल की थी. हालांकि, सरकारी अधिकारियों को सेवानिवृत्ति के बाद किसी व्यावसायिक प्रतिष्ठान में नई नौकरी शुरु करने के अपने सेवाकाल के दौरान गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) के साथ लेनदेन में ईमानदारी सहित साफ सुथरे सेवा रिकार्ड के बारे में घोषणा करनी होगी.
इसके अलावा उन्हें यह भी बताना होगा कि उन्हें जो वेतन या लाभ की पेशकश की जा रही है वे उद्योग के लिये तय मानदंडों के अनुकूल हैं. अधिकारियों द्वारा की जा रही मांग की वजह से सेवानिवृत्ति के बाद उनकी ‘विश्राम’ की अवधि को दो साल से घटाकर एक वर्ष किया गया है. अधिकारियों को संशोधित आवेदन में घोषणा करनी होगी, ‘‘जिस संगठन में मैं नौकरी करने जा रहा हूं वह भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा, घरेलू सौहार्द्र और विदेशी संबंधों के खिलाफ काम करने वाली गतिविधियों में शामिल नहीं है
पेंशनभोगियों को यह पुष्टि करनी होगी कि उनके पास सेवाकाल के पिछले तीन साल की ऐसी कोई संवेदनशील या रणनीतिक सूचना नहीं है, जो उस संगठन जहां वह नौकरी करने जा रहे हैं उसके हित के क्षेत्रों या कामकाज से सीधे संबंधित है.
इसके अलावा अधिकारियों को यह भी घोषणा करनी होगी कि सेवा काल के दौरान उनका रिकार्ड साफ सुथरा रहा है विशेषरुप से गैर सरकारी संगठनों के साथ कामकाज करने के दौरान. यह कदम इस दृष्टि से महत्वपूर्ण है क्योंकि सरकार नियमों के उल्लंघन के लिए हजारों एनजीओ के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. इनमें से कई पर आरोप है कि वे ऐसी गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं जिससे देश की आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो रही है. नई घोषणा से संबंधित आवेदन फार्म को कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने हाल में संशोधित किया है.