‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली : आतंक के वित्त पोषण के स्रोतों को पूरी तरह जाम कर देने के लिए ‘‘लक्षित आर्थिक प्रतिबंध’ जैसी ठोस पहल का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि पेरिस में हाल में हुआ बर्बर आतंकी हमला इस बात की ओर चिंताजनक इशारा करता है कि आतंकवादियों ने अपनी वित्तीय जरुरतों को जुटाने में परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाने की लचीलेपन की रणनीति अपना रखी है. प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवादी मादक पदार्थों की तस्करी, बैंक में डकैती, वाहनों की चोरी, जाली मुद्रा या विफल राष्ट्रों में राज्य प्रायोजित गतिविधियों जैसे अनेक आपराधिक कार्यों के जरिये वित्त की व्यवस्था करते हैं.
उन्होंने आतंकी समूहों द्वारा हमलों को अंजाम देने की क्षमता पर प्रहार करने के लिए उनके वित्त पोषण के प्रवाह को अवरुद्ध करने का आह्वान किया. मोदी ने कहा, ‘‘ कुछ दिन पहले पेरिस में जिस तरह के बर्बर कार्य को अंजाम दिया गया, वे इस बात का चिंताजनक संकेत हैं कि आतंकवादियों ने अपनी वित्तीय जरुरतों को पूरा करने के लिए काफी लचीलेपन और अनुकूलता की रणनीति अपनाई है.’
सीबीआई, भ्रष्टाचार निरोधक एवं सतर्कता ब्यूरो के 21वें सम्मेलन और परिसंपत्ति वापसी पर छठे वैश्विक सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ वित्त पोषण के स्रोत को अवरुद्ध करने से आतंकवादियों की क्षमताएं सीमित होंगी और इससे हमलों को अंजाम देने की उनकी क्षमता भी कम होगी. ‘ इस सम्मेलन में 34 देश हिस्सा ले रहे हैं. पिछले सप्ताह पेरिस हमलों के बाद हुई जी20 देशों की बैठक में प्रधानमंत्री ने इस मुद्दे को उठाया था . इस आतंकी हमले में अब तक 134 लोग मारे जा चुके हैं.
प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने 34 देशों के अन्वेषकों से कहा, संगठित अपराध के वैश्विकरण ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं के समक्ष एक बडी चुनौती पैदा की है और यह सर्वज्ञात है कि ‘खराब धन, अच्छे धन’ को बाहर भगा देता है. उन्होंने चेताया, ‘‘ संगठित अपराध निवेश और आर्थिक वृद्धि को बाधित कर सकता है.
यह अर्थव्यवस्था के एक बडे हिस्से में घुसपैठ या उसपर नियंत्रण कर सकता है. अवैध वित्त पोषण से मादक पदार्थों की तस्करी, हथियारों की तस्करी, मानव तस्करी और आतंकवाद जैसी अपराधिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिलता है.’ अपराध से होने वाली आय पर लगाम लगाने के लिए समन्वित प्रयासों का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्थिक उदारीकरण और वैश्वीकरण के कारण अपराध से आय को दुनिया में कहीं भी लगाने की क्षमता बढ गई है. मोदी ने अपराध से होने वाली आय पर निशाना साधते हुए इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय सहयोग का आह्वान किया.
उन्होंने कहा कि भारत अभी राष्ट्र निर्माण के महत्वपूर्ण दौर से गुजर रहा है और सरकार का ध्येय समृद्ध भारत का निर्माण करना है जहां किसान सक्षम हों, मजदूर संतुष्ट हों, महिलाएं सशक्त हों और युवा आत्मनिर्भर हों. प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘बहरहाल, इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए भ्रष्टाचार से अथक लडाई जरुरी है. भारत भ्रष्टाचार के खिलाफ लडाई को प्रतिबद्ध है.’ उन्होंने कहा कि असंतोषजनक लोक सेवा प्रदान करने और असंतोषजनक कार्यप्रदर्शन के आधार पर हमने अभी तक 45 वरिष्ठ अधिकारियों की पेंशन में कटौती की और हटाया है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने काले धन के बारे में ताजा सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए कई देशों के साथ समझौते किये हैं और इसके साथ ही विदेशी खाता कर अनुपालन अधिनियम को लागू करने के लिए अमेरिका के साथ अंतर सरकारी समझौता किया है.