श्रीनगर :जम्मू कश्मीर विधानसभा में हुई मारपीट और हंगामे के बाद अब राजनीति भी तेज हो गयी है. मजलिसे इत्तेहादुल मुसलमीन(एमआईएम) के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, जम्मू कश्मीर विधानसभा में एक विधायक पर दूसरे विधायक हमला कर रहे हैं यह कैसा शासन है.

विधायक होस्टल में कल यहां एक गौमांस पार्टी आयोजित करने वाले विधायक को पीटे जाने की घटना ऐसे समय में हुई है जब विधानसभा में मांस पर प्रतिबंध संबंधी विधेयक पेश किया जाना है.भाजपा विधायकों ने जैसे ही राशिद को पीटना शुरु किया, नेशनल कांफ्रेंस और कांग्रेस के कई विधायक उन्हें बचाने के लिए दौड़े.

लांगेट से विधायक राशिद ने कल यहां विधायक होस्टल के लॉन में गौमांस पार्टी का आयोजन किया था. इस दौरान मेहमानों को गौमांस कबाब, रिस्तास (मांस के कोफ्ते) और गौमांस की पैटी परोसी गयी थीं.राशिद ने दावा किया था कि वह किसी का अपमान नहीं करना चाहते थे लेकिन यह संदेश देना चाहता थे कि ‘‘कोई भी अदालत या विधानसभा लोगों को वह खाने से नहीं रोक सकती जो वे खाना चाहते हैं.’ विधायक ने कहा था कि उनका कदम ‘‘ उन्हें (विधायकों को ) बस यह संदेश देने के लिए है कि आप विधेयक स्वीकार करें या अस्वीकार, इससे बमुश्किल ही कोई फर्क पड़ता है.

धार्मिक मामले अदालतों और विधानसभा के रहमोकरम पर नहीं छोड़े जा सकते.’ उन्होंने कहा, ‘‘ इस धरती पर कोई भी व्यक्ति, कोई भी विधानसभा, कोई भी अदालत या कोई भी संस्था हमें वह खाने से नहीं रोक सकती, जो हम खाना चाहते हैं.’ गौमांस को लेकर विवाद उस समय पैदा हुआ था जब जम्मू में उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने राज्य सरकार को कानून के अनुसार राज्य में सख्ती से प्रतिबंध लागू करने को कहा था. इस आदेश के खिलाफ कई अलगाववादी गुटों और धार्मिक संगठनों ने नाखुशी जताते हुए इसे ‘‘धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप करार’ दिया था और राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगाने का दबाव बनाने के अलावा कानून रद्द किये जाने की मांग की थी. यह मामला अब उच्चतम न्यायालय में है.

सदन में विधायक को पीटे जाने की घटना पर विपक्ष ने नाराजगी जताई है. नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस घटना को पचा पाना असंभव है.’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ जो कुछ भी आज हुआ, उसे पचा पाना असंभव है. एक माननीय सदस्य की सदन में पिटाई की गयी. ऐसा लगता है कि वे उन्हें :राशिद को: जान से मारना चाहते थे। यदि उन्होंने कुछ आपत्तिजनक किया था तो उसे सदन के संज्ञान में लाया जाना चाहिए था.’ उमर ने गौमांस प्रतिबंध के मामले पर कहा, ‘‘ इस मामले से हमारी भी भावनाएं जुडी हैं…. हम अपना धर्म आप पर नहीं थोपते. मेरा धर्म शराब और सुअर का गोश्त खाने से मना करता है… क्या मैं हर उस व्यक्ति को पीटता हूं जो सुअर का गोश्त खाता है या शराब पीता है?’ उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले पर बयान देने की मांग की.