बैंगलूरु : नैसकॉम के सेमिनार में प्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने कहा किउम्मीद है, जीएसटी 2016 में लागू कर दिया जाएगा. जीएसटी पर प्रधानमंत्री का यह पहला बयान आया है. मोदी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में एफडीआई प्रवाह 40 प्रतिशत बढा है. वैश्विक नरमी के इस दौर में भारत निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य है. हमने निवेशकों की लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर करने के लिए निर्णायक कदम उठाए हैं. उन्‍होंने कहा कि भारत सही दिशा में अग्रसर है लेकिन इसी से संतुष्ट नहीं रह सकता, हम कारोबार के लिए अनुकूल माहौल तैयार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बौद्धिग संपदा अधिकार के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय नीति तैयार की जा रही है, यह प्रगतिशील और भविष्योन्मुखी होगी.

मोदी ने कहा कि भारत और जर्मनी के संबध पिछले 15 महीनों में काफी बढ़े हैं. उन्‍होंने कहा कि दोनों देशों के मिलकर काम करने से विकास की अपार संभावनाएं हैं. उन्‍होंने एफडीआई पर जो रे देते हुए कहा कि रेलवे के क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई आने की संभावना है. पीएम ने रेलवे, रोड और इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर के क्षेत्र में टैक्‍स फ्री ब्रांड्स की पेशकश की वकालत की. उन्‍होंने कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम में देश में सीधे विदेशी निवेश आयेगा. सरकार एफडीआई के लिए काफी काम कर रही है. मोदी ने कहा कि विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार ने कई महत्‍वपूर्ण कदम उठाये हैं.

उन्‍होंने कहा कि प्रतिभा और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए पहले कभी इतने प्रयास नहीं किये गय हैं. उन्‍होंने कहा कि आज के युवा उच्‍च सैलरी वाली नौकरी की तलाश नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे उद्यमी बनना पसंद कर रहे हैं. प्रतिभाशानी युवाओं के उद्यमी बनने ये भारत एक विशाल घरेलू बाजार में बदल रहा है. उन्‍होंने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि हम कर प्रणाली को पारदर्शी और सरल बनायें. इससे उद्यमियों को काफी राहत मिलेगी.

सेमिनार में जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल भी मौजूद थी. उन्‍होंने भारत में निवेश के प्रति आश्‍वस्‍त किया और कहा कि इस सेमिनार में भी हमारे देश के 170 से अधिक उद्यमी भाग ले रहे हैं, निश्चित रूप से इससे भारत को फायदा मिलेगा. उन्‍होंने कहा कि यह बिल्‍कुल स्‍पष्‍ट है कि दोनों देश के एक-दूसरे के साथ संबंध मजबूत करने के इच्‍छुक हैं.