सोमनाथ भारती के अग्रिम जमानत पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई सोमवार को
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमनाथ भारती की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार का दिन निर्धारित कर दिया है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट पर किसी भी तरह की राहत नहीं दी है. गौरतलब है कि सोमनाथ फरार चल रहे हैं. उनके भाई व अन्य करीबियों को पुलिस पूछताछ के […]
नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने सोमनाथ भारती की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार का दिन निर्धारित कर दिया है. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट पर किसी भी तरह की राहत नहीं दी है. गौरतलब है कि सोमनाथ फरार चल रहे हैं. उनके भाई व अन्य करीबियों को पुलिस पूछताछ के लिए ले गयी थी, लेकिन किसी को भी सोमनाथ के ठिकाने का पता नहीं है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमनाथ भारती को सरेंडर करने की सलाह दी थी. केजरीवाल ने कहा था कि सोमनाथ की फरारी से पार्टी की दवि खराब हो रही है. आज आम आदमी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक भी चल रही है.
इसमें पार्टी दिल्ली के अपने पूर्व कानून मंत्री और विधायक सोमनाथ भारती को लेकर कोई फैसला कर सकती है जो घरेलू हिंसा के मामले में फरार हैं. राष्ट्रीय कार्यकारिणी आप की दूसरी सबसे बडी निर्णयकर्ता इकाई है. आप के सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के आवास पर आज हो रही इस बैठक में भारती को लेकर कोई फैसला किया जा सकता है. सोमनाथ ने पहले कहा था कि जबतक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ जायेगा, तब तक मैं बाहर नहीं आउंगा.
केजरीवाल ने कल कहा था कि भारती पार्टी के लिए ‘शर्मिंदगी’ बन रहे हैं और उन्हें तत्काल समर्पण कर देना चाहिए तथा पुलिस के साथ सहयोग करना चाहिए. भारती की पत्नी लिपिका मित्रा ने 10 जून को दिल्ली महिला आयोग में घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज करायी थी और आरोप लगाया था कि भारती 2010 में शादी होने के समय से ही उन्हें प्रताडित करते रहे हैं. उन्होंने इस संबंध में दिल्ली पुलिस के समक्ष भी शिकायत दर्ज करायी थी.
दिल्ली पुलिस ने भारती के खिलाफ भादंसं की धाराओं- 307 (हत्या के प्रयास), 498ए (पत्नी पर क्रूरता), 324 (जानबूझकर घातक हथियार से नुकसान पहुंचाना), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 313, 511 के साथ (महिला की सहमति के बिना गर्भपात की कोशिश), 420 (धोखाधडी) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. दिल्ली उच्च न्यायालय ने मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी थी और कहा था कि उनके खिलाफ लगाये गये आरोप ‘दस्तावेजी सबूत’ से समर्थित हैं. भारती पर उनकी पत्नी द्वारा लगाये गये आरोपों को ‘बहुत गंभीर’ करार देते हुए न्यायमूर्ति सुरेश कैत ने कहा था कि वह उनकी ‘क्रूरता’ और ‘बर्बर हमले’ को सहती रही है.