‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि जब किसी इंसान में राष्ट्रवाद की भावना होती है तब वो बिना स्वार्थ के अपना कर्तव्य निभाता है. उन्होंने कहा निस्वार्थ सेवा की भावना पूर्व राष्ट्रपति कलाम के जीवन में देखने को मिली. उन्होंने कहा भक्ति में व्यक्ति कुछ नहीं चाहता है. कलाम ने इतने मिसाइल बनाये सिर्फ देशभक्ति की वजह से बनाये.
मोहन भागवत ने भारतीय सेनाओं की बहादुरी की चर्चा की और कहा कि सैनिक सीमा पर मातृभूमि के लिए शहीद होते हैं. आम नागरिक उन्हें दशकों बाद याद करते रहता है. उनके वीरता का हमें सराहना करना चाहिए जो अपने जवान संतान को बिना सोचे देश के लिए कुरबान कर दिया.