रक्षा मंत्री ने रक्षा क्षेत्र में स्वदेशी प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया

मुंबई: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा पर प्रति वर्ष तीन लाख करोड रुपये खर्च करता है. उन्होंने हथियारों की आपूर्ति में ‘‘आत्मनिर्भरता’’ बढाने और स्वदेशी प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया.वह नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग और भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित ‘इंजीनियर्स कन्क्लेव’ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 7, 2015 4:29 PM

मुंबई: रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा पर प्रति वर्ष तीन लाख करोड रुपये खर्च करता है. उन्होंने हथियारों की आपूर्ति में ‘‘आत्मनिर्भरता’’ बढाने और स्वदेशी प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया.वह नेशनल एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग और भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर द्वारा संयुक्त रुप से आयोजित ‘इंजीनियर्स कन्क्लेव’ का उद्घाटन करते वक्त वहां मौजूद लोगों को संबोधित कर रहे थे.

पर्रिकर ने कहा, ‘‘जब हम सुरक्षा की बात करते हैं तो चाहे इसकी उर्जा हो, भोजन हो या सीमाओं की सुरक्षा हो तो मेरा मानना है कि आत्मनिर्भरता बहुत जरुरी है. हमें अपने देश की रक्षा के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपकरणों की बहुत जरुरत होती है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरी चिंता है कि इतनी बडी राशि खर्च करने के बाद, रक्षा पर प्रति वर्ष ढाई से तीन लाख करोड रुपये का खर्च.. हम यह धन प्रति वर्ष सिर्फ एक समय की घटना के लिए खर्च करते हैं और मुझे उम्मीद है कि यह घटना नहीं होती.’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर घटना होती है या हो सकती है तो हमें हथियार और गोला बारुद के लिए दूसरे देशों पर निर्भर करना पड़ता है..सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हथियारों की आपूर्ति के लिए विदेशी ताकतों पर निर्भर रहना पडता है. इसलिए स्वदेशी प्रयास काफी महत्वपूर्ण पहलू है.’’पर्रिकर ने कहा कि पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरु किए गए स्वच्छ भारत और स्वच्छ गंगा मिशन को काफी पहले शुरु किया जाना चाहिए था.

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