नयी दिल्ली : सरकार ने आज संकेत दिये कि वह भूमि अध्यादेश की निरंतरता बनाए रखने के लिए रिकार्ड चौथी बार इसे जारी कर सकती है क्योंकि 31 अगस्त को अध्यादेश की मियाद पूरी होने से पहले इसकी जगह लेने के लिए संसद में विधेयक पारित करने की कोई संभावना नहीं है.

केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने यहां संवाददाताओं से कहा, हमें देखने दीजिए. समय 31 अगस्त तक का है. निगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट्स (संशोधन) अध्यादेश 2015 के साथ भी यही मामला है. कुछ फैसले समय में लेने होंगे. भूमि विधयेक में समस्या यह है कि अगर अध्यादेश फिर से जारी नहीं करते हैं तो 13 अन्य कानून जिनके तहत भूमि अधिग्रहीत की जाएगी, निष्प्रभावी हो जाएंगे.
उन्हाने कहा, नुकसान होगा. जिन्हें नौकरी पानी है उन्हें नौकरी नहीं मिलेगी क्योंकि यह पुराने कानून में नहीं है. यह सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा. भूमि अधिग्रहण कानून, 2013 ने इस शर्त पर अपने दायरे से 13 कानूनों को छूट दी थी कि उन्हें एक साल के भीतर कानून के दायरे में शामिल किया जाएगा.
राजग का अध्यादेश इन 13 कानूनों को नये भूमि कानून के तहत लाया था. अगर अध्यादेश 31 अगस्त को निष्प्रभावी होता है तो नये भूमि कानून के प्रावधान इन 13 कानूनों के तहत किये जा रहे भूमि अधिग्रहण पर लागू नहीं होंगे और इसलिए मोदी सरकार दावा कर रही है कि निरंतरता बनाए रखने के लिए अध्यादेश तीसरी बार लागू किया गया.