‘राज्यों के पास फ्रीबीज के लिए धन हैं, जजों की सैलरी-पेंशन के लिए नहीं’, सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी
नयी दिल्ली: केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर और बीजद के एक सदस्य ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार पर पर्यावरणमंत्रालयको ‘‘रोड ब्लॉक मंत्रलय’’ में तब्दील करने का आरोप लगाते हुए आज कहा कि संप्रग की पूर्व पर्यावरण मंत्री द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर प्रवृत्ति के हैं.
संप्रग सरकार में पर्यावरण मंत्री रहीं जयंती नटराजन ने अपने एक पत्र में कथित रुप से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के कार्यालय की ओर से परियोजनाओं को मंजूरी नहीं देने का दबाव बनाए जाने का आरोप लगाया था.
बीजू जनता दल सदस्य पिनाकी मिश्र ने प्रश्नकाल के दौरान देश में घटते वन क्षेत्र का सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि ‘पिछली’ पर्यावरण मंत्री के कार्यकाल के दौरान मंत्रलय में दलाल सक्रिय थे जो परियोजनों को मंजूरी प्रदान करने के लिए रिश्वत की मांग करते थे.
उन्होंने आरोप लगाया कि इसी के चलते देश में 52 हजार करोड रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नहीं आ सका और कोरियाई कंपनी पोस्को की परियोजना को दो साल तक मंजूरी नहीं दी गयी. जावडेकर की तारीफों के पुल बांधते हुए मिश्र ने कहा कि नए मंत्री मंत्रालय में ‘‘ताजा हवा’’ लेकर आए हैं.
मिश्र के आरोपों का समर्थन करते हुए जावडेकर ने तत्कालीन पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन द्वारा कांग्रेस प्रमुख को लिखे पत्र का जिक्र किया और कहा कि उन्होंने पत्र में बताया था कि किस प्रकार परियोजनाओं को रोका जा रहा है और कैसे कांग्रेस उपाध्यक्ष के कार्यालय से सिफारिशें भेजी जा रही हैं.
इस पर कई भाजपा सदस्यों ने जावडेकर के बयान के समर्थन में मेजें थपथपाइ’. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को संभवत: जावडेकर की टिप्पणी के संबंध में पार्टी नेतामल्लिकार्जुनखडगे से बातचीत करते देखा गया.