नयी दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के एक डिप्टी रजिस्ट्रार ने 1993 के मुंबई बम विस्फोट कांड में दोषी याकूब मेमन की मौत की सजा पर अमल का मार्ग प्रशस्त करने वाले न्यायालय के फैसले की आलोचना करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. प्रो अनूप सुरेंद्रनाथ ने डिप्टी रजिस्ट्रार के पद से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि चंद घंटों के भीतर दो फैसले ‘न्यायिक त्याग’ के उदाहरण हैं जिनकी शीर्ष अदालत के ‘अंधकारमय घंटों’ के रूप में गणना होनी चाहिए.
प्रो अनूप की नियुक्ति अनुबंध पर हुई थी. उन्होंने 30 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. न्यायालय के सूत्रों ने बताया कि मृत्युदंड को लेकर चल रही बहस के बीच प्रो अनूप का यह इस्तीफा स्वीकार कर लिया गया और उन्हें पदमुक्त कर दिया गया. शीर्ष अदालत में करीब 20 डिप्टी रजिस्ट्रार हैं.
प्रो अनूप दिल्ली स्थित नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के संकाय सदस्य व मृत्यु दंड शोध परियोजना के निदेशक हैं. मेमन को फांसी देने के फरमान पर रोक के लिए दायर याचिका के साथ भी वह संबद्ध थे. उन्होंने कहा कि वह कुछ समय से इस बारे में सोच रहे थे. परंतु शीर्ष अदालत में इस सप्ताह जो कुछ भी हुआ उसने इसमें अहम भूमिका निभा दी. प्रो अनूप ने अपने इस्तीफे के बारे में सोशल नेटवर्किंग साइट पर लिखा था. इस संबंध में संपर्क करने पर कहा कि उन्हें इस बारे में और कुछ नहीं कहना है.