‘सपने वो नहीं होते जो रात को सोने समय नींद में आये, सपनें वो होते हैं जो रातों में सोने नहीं देते‘. ऐसे दमदार विचार रखने वाले भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम अब इस दुनिया में नहीं रहे. उन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता था. यह देश के लिए अपूरणीय क्षति है. अब्दुल कलाम को पीपल्स प्रेजिंडेट भी कहा जाता था उनका मानना था कि ‘इंतजार करने वालों को सिर्फ उतना ही मिलता है, जितना कोशिश करने वाले छोड़ देते हैं’. ऐसे प्रेरणादायी शब्द से छात्रों को संबोधित करते रहते थे. आज भी आईआईएम शिलॉन्ग में छात्रों को संबोधित करने पहुंचे थे.
Advertisement
जानिये डॉ एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन के अनजाने पहलू
Advertisement
![2015_7largeimg227_Jul_2015_213315563](https://pkwp184.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2024/01/2015_7largeimg227_Jul_2015_213315563.jpg)
‘सपने वो नहीं होते जो रात को सोने समय नींद में आये, सपनें वो होते हैं जो रातों में सोने नहीं देते‘. ऐसे दमदार विचार रखने वाले भारत के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम अब इस दुनिया में नहीं रहे. उन्हें मिसाइल मैन के नाम से भी जाना जाता था. यह देश के लिए अपूरणीय […]
![Audio Book](https://pkwp184.prabhatkhabar.com/wp-content/uploads/2025/01/audio-book-1.png)
ऑडियो सुनें
अंतिम समय में भी लेक्चर दे रहे थे कलाम
उनके जानने वालों का कहना है कि उनकी डायरी में हर दिन का कार्यक्रम दर्ज होता था. उनकी छह महीने पहले का कार्यक्रम डायरी में दर्ज होता था. आज भी कार्यक्रम में जाने से पहले उन्होंने ट्वीट किया और बताया कि वह छात्रों को संबोधित करने शिलॉन्ग जा रहे है.
साधारण परिवार में जन्म असाधारण प्रतिभा के मालिक
एक साधारण परिवार में15 अक्टूबर 1931 को धनुषकोडी गाँव (रामेश्वरम, तमिलनाडु) में एक मध्यमवर्ग मुस्लिम परिवार में इनका जन्म हुआ. अपनी मेहनत और बुद्धिमता से ना सिर्फ विज्ञान के क्षेत्र में प्रसिद्धि हासिल की और भारत के राष्ट्रपति पद तक का सफर तय किया बल्कि ये भी साबित किया कि अगर कोई इंसान ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं. 1963 में कलाम भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान, इसरो से जुड़े और यहां भी भारत की ताकत को बढ़ाने में अपना योगदान दिया. सैटेलाइट लॉन्च वेहिकल यानी SLV के प्रॉजेक्ट मिशन से जुड़े.
मिशाइल मैन ने बढ़ायी भारत की ताकत
अब्दुल कलाम को मिसाइल मैन के नाम से जाना जाता है उन्होंने अपनी मेहनत और क्षमता के दम पर भारत को वो शक्ति दी जिससे भारत अपनी धाक दुनिया के सामने जमा सका. 1982 में कलाम रक्षा अनुसंधान विकास संगठन, DRDO से जुड़े और उनके नेतृत्व में ही भारत ने नाग, पृथ्वी, आकाश, त्रिशूल और अग्नि जैसे मिसाइल विकसित किए.
भारत के सर्वोच्च सम्मान से भी सम्मानित थे कलाम
डॉ कलाम को 1977 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था. इसके अलावा वह भारत के सर्वोच्च पद पर भी आसीन रहे 2002 से 2007 के बीच डॉ कलाम, भारत के 11 वें राष्ट्रपति रहे.
उनकी प्रेरणादायी किताबें भी लोगों को जागरुक करती रही
एपीजे अब्दुल कलाम ने विंग्स ऑफ फायर, इग्नाइटेड माइंड्स, इंडिया 2020 जैसी कई मशहूर और प्रेरणा देने वाली किताबें लिखी हैं. जो खासकर छात्रों को प्रेरित करती रही.
कैसा था डॉ एपीजे अब्दुल कलाम का विद्यार्थी जीवन
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम की शिक्षा रामेश्वर के पंचायत प्राथमिक विद्यालय से शुरु हुई थी अब्दुल कलाम ने अपनी आरंभिक शिक्षा जारी रखने के लिए अख़बार बांटने का भी काम किया. कलाम ने 1958 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की थी. स्नातक होने के बाद उन्होंने हावरक्राफ्ट परियोजना पर काम करने के लिये भारतीय रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान में प्रवेश किया.
व्यक्तिगत जीवन
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अपने जीवन को बहुत अनुशासन में जीना पसंद करते थे. शाकाहार और ब्रह्मचर्य का पालन करने वालों में से थे. कहा जाता है कि वह कुरान और भगवद् गीता दोनों का अध्ययन करते थे और उनकी गुड़ बातों पर अमल किया करते थे. उनके भाषणों में कम से कम एक कुराल का उल्लेख अवश्य रहता है. छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कई ऐसे संदेश दिए जिससे लोगों को प्रेरणा मिली. अब्दुल कलाम राजनीतिक स्तर पर भारत को और मजबूत करना चाहते थे उनकी इच्छा थी कि भारत ज्यादा से ज्याद महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाये. बच्चों और युवाओं के बीच डाक्टर क़लाम अत्यधिक लोकप्रिय थे.
जीवन का सबसे बड़ा अफसोस
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने जीवन के सबसे बड़े अफसोस का जिक्र किया था उन्होंने कहा था कि वह अपने माता पिता को उनके जीवनकाल में 24 घंटे बिजली उपलब्ध नहीं करा सके. उन्होंने कहा था कि मेरे पिता (जैनुलाब्दीन) 103 साल तक जीवित रहे और मां (आशियाम्मा) 93 साल तक जीवित रहीं. घर में सबसे छोटा होने के कारण कलाम को घर में ज्यादा प्यार मिला. उनके घर में लालटेन से रोशनी होती थी और वह भी शाम को सात बजे से लेकर रात नौ बजे तक. उनकी मां को कलाम की प्रतिभा पर भरोसा था इसलिए वह कलाम की पढ़ाई के लिए एक स्पेशल लैंप देती थी जो रात तक पढ़ाई करने में कलाम की मदद करता था.
ट्रेंडिंग टॉपिक्स
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Word Of The Day
Sample word
Sample pronunciation
Sample definition